श्रीनगर से दिल्ली कदमों से नापने वाले उज्जैर नशे के खिलाफ जंग रखना चाहते है जारी
अगर आपको कोई कहे कि श्रीनगर से दिल्ली आपको सफर करना है तो आपका सवाल होगा कि रेल से या फ्लाइट से..लेकिन अगर जवाब में आपकों कहा जाये कि आपको पैदल सफर करना है तो आप जरूर कहेंगे की ये बात अकल्पनीय है। लेकिन आज हम आपको मिलाने वाले श्रीनगर के जाबाज़ मेहनतकश और इरादों के पक्के 25 साल के उजैर फैयाज खान से जो नशे के खिलाफ खुले आम जंग छेड़े हुये है उनका मानना है कि नशा जो है वो पीढ़ि दर पीढ़ि हमारी नस्लों को खराब कर रहा है। नशे के खिलाफ केवल बाते की जाती है।
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श्रीनगर : हौसलें बुलन्द हो तो कोई भी मुश्किल आसान हो जाती है। इन बातों को अपनी कड़ी मेहनत से सच कर दिखाया है श्रीनगर के उज़ैर ने, उज़ैर ने नशे के खिलाफ ऐसी जंग छेड़ी की वो आज युवाओं के लिए मिशाल बनते जा रहै है। उज़ैर ने श्रीगर से दिल्ली तक का 940 किलोमीटर का सफर रिकोर्ड 7 दिनों में पैदल पूरा किया है,हम आपको बताते है उज़ैर के बारें में पढ़िए हमारी इस खास रिपोर्ट में ।
अगर आपको कोई कहे कि श्रीनगर से दिल्ली आपको सफर करना है तो आपका सवाल होगा कि रेल से या फ्लाइट से..लेकिन अगर जवाब में आपकों कहा जाये कि आपको पैदल सफर करना है तो आप जरूर कहेंगे की ये बात अकल्पनीय है। लेकिन आज हम आपको मिलाने वाले श्रीनगर के जाबाज़ मेहनतकश और इरादों के पक्के 25 साल के उजैर फैयाज खान से जो नशे के खिलाफ खुले आम जंग छेड़े हुये है उनका मानना है कि नशा जो है वो पीढ़ि दर पीढ़ि हमारी नस्लों को खराब कर रहा है। नशे के खिलाफ केवल बाते की जाती है।
सेमिनार आयोजित किये जाते है, लेकिन नशे के खिलाफ जागरूपता फैलानी है तो कुछ ऐसा करना होगा कि लोग आपको देखें और सीखें । श्रीगर से दिल्ली की दूरी 940 किलोमीटर है और इस दूरी को अपने कदमों के माध्यम से महज 7 दिनों में नापने वाले उज़ैर फैयाज खांन है। इन्होंने मनोविज्ञान में मास्टर किया हुआ है और इन्हें बचपन से ही दौड़ने का बड़ा शौक था। ये अकसर स्कूल में होने वाली मैराथन दोड़ों में भाग लेते थे । उजैर ने बताया कि दिल्ली तक की दौड़ आसान नहीं थी उन्होंने अपने कोच मुश्ताक अहमद से ली हुई कड़ी ट्रेनिंग के कारण ही वो इस मकाम तक पहुंच पाये है । इनकी इस नेक मुहिम को लेकर श्रीनगर कलेक्टर ने उन्हें सर्टिफिकेट देकर सम्मानित भी किया हैं।
उजैर फैयाज खान का मानना है कि युवाओं में बढ़ते नशे की लत ने उन्हें काफी निराश कर दिया है। वो नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर जागरूकता पैदा करने के लिए मुहिम छेड़े हुये है और इसे कामयाब बनाने के लिए उन्होंने हाथों में बैनर लेकर दौड़ कर ये संदेश देना चाहा है कि कोई भी काम नामुमकिन नहीं है। इरादे बुलन्द हो तो कुछ भी किया जा सकता है, उजैर का लक्ष्य गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करना है और इसके लिए वो सरकार से समर्थन की दरकार रखते है।
उजैर बताते है कि श्रीनगर से दिल्ली 940 किलोमीटर पैदल चलना कोई आसान काम नहीं है, उन्हें कई बार विपरित परिस्थितियों का सामना करना पड़ा है। मौसम की मार और कटीले पहाड़ी रास्तों ने कई बार उनके इरादों को तोड़ने की कोशिश की लेकिन अपने इस नेक इरादों को पूरा करने के लिए उन्होंने कभी हार नहीं मानी।