कश्मीर का इतिहास जितना पुराना है......उतना ही पुराना है यहाँ का एजुकेशन सिस्टम !

"शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में छात्र सरकारी स्कूलों में प्रारंभिक स्तर तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के हकदार हैं।" जम्मू और कश्मीर में शिक्षा 5-स्तरीय मॉडल पर आधारित है जिसमें प्राइमरी स्कूल, मिडिल स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज शामिल हैं।

कश्मीर का इतिहास जितना पुराना है......उतना ही पुराना है यहाँ का एजुकेशन सिस्टम !
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"शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में छात्र सरकारी स्कूलों में प्रारंभिक स्तर तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के हकदार हैं।"

 

जम्मू और कश्मीर में शिक्षा 5-स्तरीय मॉडल पर आधारित है जिसमें प्राइमरी स्कूल, मिडिल स्कूल, हायर सेकेंडरी स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटीज शामिल हैं।
2011 की जनगणना  के अनुसार, जम्मू और कश्मीर की "लिटरेसी रेट 68%" है।
हालांकि, हाल ही में इन संख्याओं में बढ़ोतरी हुई है...
 

कश्मीर में मॉडर्न  एजुकेशन सिस्टम की शुरुवात 19वीं शताब्दी में ईसाई मिशनरियों द्वारा की गई थी,
श्रीनगर में पहला स्कूल "1880 में जे.एच. नोल्स" ने खोला था,
1874 में महाराजा रणबीर सिंह का स्कूल राज्य द्वारा संचालित इकलौता स्कूल था

 

जम्मू और कश्मीर की शिक्षा क्या है?

जम्मू और कश्मीर बच्चों की शिक्षा के लिए 10+2 पैटर्न मैं है 
यह जम्मू और कश्मीर स्टेट बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (JKBOSE) द्वारा हैंडल  किया जाता है।
स्टूडेंट्स को एडुकेट करने के लिए बोर्ड द्वारा अलग अलग  प्राइवेट और गवर्नमेंट स्कूलों को मान्यता दी जाती है।

 

कश्मीर में शिक्षा की शुरुआत किसने की?

"डोगरा नियम"
शेष भारत की तरह कश्मीर में भी ईसाई मिशनरियों का नेतृत्व था 
यह वर्तमान शताब्दी की शुरुआत में तीसरे महाराजा प्रताप सिंह के अधीन था कि वर्तमान स्वरूप में शिक्षा प्रणाली को पहली बार पेश किया गया था।

 

जम्मू का पहला स्कूल कौन सा है?


S.P स्कूल सबसे पुराना है "1874 CE" में  जिसकी स्थापना  हुई थी,
यह जम्मू और कश्मीर के सबसे पुराने स्कूलों में से एक है,

 

कश्मीर का सबसे शिक्षित गांव कौन सा है?

"रत्नीपोरा"
यह कश्मीर के कुछ सबसे प्रमुख "पोएट्स और एडुकेशनिस्ट्स" का घर है।
रत्नीपोरा में बहुत ज़्यादा निवासी हैं जिन्होंने अपनी हायर एजुकेशन पूरी की है।
लोग मुख्य रूप से गवर्नमेंट जॉब्स पर डिपेंडेंट हैं, लेकिन एक तिहाई आबादी द्वारा एग्रीकल्चर की भी प्रैक्टिस की जाती है।

 

कश्मीर को ज्ञान का केंद्र क्यों कहा जाता है?

"द कश्मीरी पंडित"

जिसे खुद एक कश्मीरी पंडित ने लिखा था, काशी और कश्मीर पुराने भारत में शिक्षा के सेंटर कहा जाता था 
कश्मीर तो काशी से भी आगे निकल गया था। यह साफ़ तौर साबित था कि काशी के विद्वानों को अपनी एजुकेशन पूरी करने के लिए कश्मीर आना पड़ता था।

 

 

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