Hari Parbat Fort: कश्मीर की शान कोह-ए-मारान, एक्सप्लोर करें कश्मीर का ये शानदार किला, दुनिया में सबसे अलग...

कोह-ए-मारन के नाम से मशहूर कश्मीर के ये किला जम्मू-कश्मीर की शान है. अफगानिस्तानी गवर्नर अत्ता मोहम्मद खान ने इस शानदार किले को बनवाया था. 

Hari Parbat Fort: कश्मीर की शान कोह-ए-मारान, एक्सप्लोर करें कश्मीर का ये शानदार किला, दुनिया में सबसे अलग...
Stop

 

जम्मू-कश्मीर: कश्मीर की शानदार वादियों में घूमना हर उस इंसान को पसंद है जिसने भी कश्मीर के बारे में सुना है या कश्मीर को जनता है. कश्मीर के हसीन नजारे और सर्द हवाओं का हर कोई मज़ा लेना चाहता है. इसलिए बहुत से सारे लोग आपने काम से आराम लेकर साल में एक बार कश्मीर ट्रिप का प्लान जरूर बनाते हैं. अक्सर शांति और सुकून की तलाश में ही हम कश्मीर की ख़ूबसूरत वादियों में घूमने का मन बनाते हैं. लेकिन क्या कभी आपने कश्मीर की ऐतिहासिक इमारतों और इसके गजब के इतिहास को जानने के लिए कश्मीर को एक्सप्लोर करने का मन बनाया है? 

अगर आपका जवाब नहीं है तो आपको बता दें कि कश्मीर में एक से एक अदभुत और ऐतिहासिक जगहें हैं, जिन्हे देखकर आपका दिल ख़ुश हो जाएगा. यहां एक ऐसा अद्भुत किला है, जहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा बिल्कुल आसपास ही मौजूद हैं. अपने इस आर्टिकल के जरिए, हम आपको कश्मीर के इस अदभुत और ऐतिहासिक किले के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं. इसके बाद, आप जब भी कश्मीर घूमने का प्लान बनाएं तो इस ऐतिहासिक किले को अपनी एक्सप्लोरेशन लिस्ट में जरूर शामिल करें.

किसने बनवाया था ये किला?

कोह-ए-मारन के नाम से मशहूर कश्मीर के इस किले का नाम हरि पर्वत है. श्रीनगर की डल झील के पश्चिम में मौजूद ये किला जम्मू-कश्मीर की शान है. स्थानीय लोगों के मुताबिक अफगानिस्तानी गवर्नर अत्ता मोहम्मद खान ने इस शानदार किले को बनवाया था. 

आपको बता दें कि ये ऐतिहासिक किला एक पहाड़ की चोटी पर बना है. इस किले का आर्किटेक्चर और कारीगरों की कलाकारी आपको चौंका देगी. कश्मीरी संस्कृति और इतिहास की दृष्टि से भी ये खू़बसूरत किला काफी अहम है. इसे 'Maranatha' और 'Koh-e-Maran' के नाम से भी जाना जाता है। 

किले के पास मौजूद हैं मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा

इस किले की एक ख़ास बात है जो आपको दुनिया के किसी भी किले में देखने को नहीं मिलेगी. जहां एक ओर हरि पर्वत किले के आंगन में शारिका देवी का मंदिर बना हुआ है, तो वहीं किले की दूसरी तरफ सुल्तानुल आरिफ शेख मखदूम साहब की जियारत भी मौजूद है. और कमाल तो तब हो जाता है जब आप इस  किले के एक सिरे पर छठी पादशाही का गुरुद्वारा देखते हैं. हालांकि आम लोग इस किले में ऐंट्री नहीं ले सकते. लेकिन इस किले के मंदिर, मस्जिद और गुरूद्वारे में श्रद्धालुओं और सैलानियों की भीड़ लगी रहती है.

टूरिस्ट्स का फेवरेट हरि पर्वत किला 

अपने बेहतरीन आर्किटेक्चर और शांत माहौल की वजह से कूह-ए-मारन टूरिस्ट्स की पसंदीदा जगहों में से एक है. टूरिस्ट यहां कुदरत के खू़बसूरत नज़ारों और हसीन वादियों का लुत्फ उठाने के लिए यहां आना पसंद करते हैं। हालांकि, सरकार का पुरातत्व विभाग इस किले की देख रेख करता है. अगर आपको इस किले में घूमना है तो आपको पुरातत्व विभाग से परमिशन लेनी पड़ेगी. 

कैसे पहुंचें इस किले तक?

ये किला श्रीनगर रेलवे स्टेशन से केवल 17 किमी की दूरी पर मौजूद है. तो आप ट्रेन के जरिए भी कूह-ए-मारन तक का सफर कर तय सकते हैं. वहीं अगर आप हवाई यात्रा कर इस जगह पर आना चाहते हैं तो किले से लगभग 16.7 किमी दूर श्रीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट मौजूद है. इसके अलावा आप अपने प्राइवेट व्हिकल या बस से जरिए भी यहां पहुंच सकते हैं.


 

Latest news

Powered by Tomorrow.io