कुलगाम के अहरबल की रौनक वापस लौटी...
अपने शानदार झरनों के लिए मशहूर पीर पंजाल की हरी-भरी वादियों में मौजूद एक हैरत-अंगेज़ टूरिस्ट डेस्टिनेशन यानि अहरबल एक बार फिर खिल उठा है। अहरबल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ (CEO), गालिब शाह ने बताया कि "पिछले 6 महीनों में अब तक लगभग 17,200 बाहरी टूरिस्ट अहरबल घूमने आ चुके हैं।" जबकि स्थानीय टूरिस्टों की तादाद एक लाख से उपर है।
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अहरबल (कुलगाम): अपने शानदार झरनों के लिए मशहूर पीर पंजाल की हरी-भरी वादियों में मौजूद एक हैरत-अंगेज़ टूरिस्ट डेस्टिनेशन यानि अहरबल एक बार फिर खिल उठा है।
कुलगाम से सिर्फ़ 30 किलोमीटर दूर इस शानदार डेस्टिनेशन पर टूरिस्ट्स के क़दम पड़ने शुरू हो गए हैं। दूसरे राज्यों के अलावा स्थानीय टूरिस्ट भी यहां बड़ी तादाद में आ रहे हैं।
अहरबल डेवलपमेंट अथॉरिटी के सीईओ (CEO), गालिब शाह ने बताया कि "पिछले 6 महीनों में अब तक लगभग 17,200 बाहरी टूरिस्ट अहरबल घूमने आ चुके हैं।" जबकि स्थानीय टूरिस्टों की तादाद एक लाख से उपर है।
वहीं महाराष्ट्र की एक फैमली के लोग कहते हैं कि “हम पहले कई बार कश्मीर घूमने आए हैं, लेकिन ये पहली बार है, जब हम अहरबल घूम रहे हैं। और हम ये कहेंगे कि जो भी कश्मीर घूमने आए तो अहरबल घूमना न भूले ”।
उन्होंने कहा कि यह जगह इतनी शांत और सुकूनभरी है कि उनका दिल कर रहा है कि वे पूरी छुट्टियां यहीं बिता दें।
वेशू नदी के पानी से उठने वाली गूँज भी यहां आने वाले हर टूरिस्ट को अपनी ओर खींच लेती है। शाम होते है बहुत सारे टूरिस्ट ट्राउट मछलियों से भरी इस नदीं में फिशिंग का मज़ा लेते हैं।
अपने शानदार झरनें की वजह से मशहूर अहरबल में खू़ब सारे टूरिस्ट आते हैं। कश्मीर के नियाग्रा फॉल्स कहे जाने वाले, अहरबल झरने की आवाज़ लोगों को कुछ देर के लिए ठहरने को मजबूर कर देती है। लगभग 25 मीटर ऊंचे इस झरने से जब पानी नीचे गिरता है तो वहां का नज़ारा बेहद ख़ूबसूरत होता है।
दिल्ली के अमित कुमार बताते हैं कि "मैनें तो अब तक सिर्फ नियाग्रा फॉल्स के बारे में सुना था, लेकिन इस झरने को देखने के बाद ऐसा लगता है कि मैं वहीं हूं।"
अहरबल के अलावा- कौसरनाग, महिनाग, इंद्रसर, चेरनबल और दूसरी झीलें भी ट्रेकर्स के लिए एक अच्छा ऑप्शन हैं। टूरिस्ट डिपार्टमेंट और कुलगाम जिला प्रशासन भी इस इस टूरिस्ट डेस्टिनेंशन पर ज़्यादा से ज़्यादा टूरिस्ट्स लाने के लिए फोकस कर रहा है।
इस साल यहां एक विंटर टूरिज्म फेस्टिवल भी मनाया गया था। और इसी साल अहरबल के तंगमर्ग गांव में ग्रामीण टूरिज्म योजना भी शुरू की गई थी।
इस योजना के तहत, रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट और कुलगाम के पंचायत राज की मदद से यहां विलेज होम स्टे बनाए गए।
इंतेज़ामिया ने बताया कि जिला इंतेज़ामिया, टूरिज्म डिपार्टमेंट, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट और अहरबल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने कड़ी मेहनत के जरिए समर, ऑटम और विटंर फेस्टिवल के साथ-साथ सोशल मीडिया पर चलाए जा रहे, टूरिज्म कैंपेन की वजह से इन दो सालों में, यहां लाखों टूरिस्ट आए हैं।
“अहरबल में आने वाले टूरिस्ट की तादाद को दोगुना करने के लिए, कुलगाम के डिप्टी कमिशनर, डॉ. बिलाल मोहि-उद-दीन भट ने पिछले साल ख़ास कदम उठाते हुए, अलग-अलग फेस्टिवल ऑर्गेनाइज़ किए। उन्होंने बताया कि पिछले साल के मुक़ाबले इस साल तीन गुना टूरिस्ट आने की उम्मीद है।
आला अफसरान ने बताया कि इन सभी पहल का मक़सद यहां के नौजवानों को रोज़गार देना है।
कुलगाम टूरिज्म के असिस्टेंट डायरेक्टर, रहमत मकबूल ने बताया कि अहरबल को एक ऑफबीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट ने भी बहुत से कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि, "अहरबल में स्पोर्ट, समर, ऑटम और विंटर कार्निवल ऑर्गेनाइज़ किए गए थे।"
"इस साल यहाँ एक सूफ़ी फेस्टिवल भी ऑर्गेनाइज़ किया गया था"
अहरबाल में टूरिस्ट्स के ठहरने के लिए कुछ झोपड़ियां या हट, एक टूरिस्ट बंगला और टूरिज्म डिपार्टमेंट की कुछ इमारतें हैं जहां टूरिस्ट ठहर सकते हैं।
हालाँकि, यहां के बाशिंदे ज़्यादा से ज़्यादा ईको-फ्रेंडली स्ट्रक्चर बनाने पर जोर दे रहे हैं। यहां के रहने वाले, जहूर अहमद का मानना है कि "सरकार यहां पर कुछ बेहतर सहुलियात वाले गेस्ट हाउस बनाने की इज़ाजत दे, ताकि अहरबल आने वाले टूरिस्ट एक दिन से ज़्यादा वक़्त तक ठहर सकें।"
वहीं एडीए के सीईओ (CEO) ने कहा कि वे मौजूदा इंफ्रास्ट्रकचर को अपग्रेड करने पर ध्यान दे रहे हैं।
उन्होंने कहा, "फिलहाल हम यहां विलेज होम स्टे पर ज़्यादा फोकस कर रहे हैं।"