PDD Workers Protest : शोपियां में बिजली विभाग के दिहाड़ी मजदूरों का जबरदस्त प्रोटेस्ट !
Daily Labourers Protest : साउथ कश्मीर के शोपियां जिले में कड़ाके की ठंड के बीच पॉवर डेवलपमेंड डिपार्टमेंट (PDD) के दिहाड़ी मजूदर प्रदर्शन कर रहे हैं. डिपार्टमेंट में रेग्यूलराईज़ेशन और मजदूरी बढ़ाने की अपनी मांग के लिए बिजली विभाग के सैंकड़ों PDL/TDL ने प्रदर्शन किया.
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Jammu and Kashmir : साउथ कश्मीर के शोपियां जिले में कड़ाके की ठंड के बीच पॉवर डेवलपमेंड डिपार्टमेंट (PDD) के दिहाड़ी मजूदर प्रदर्शन कर रहे हैं. डिपार्टमेंट में रेग्यूलराईज़ेशन और मजदूरी बढ़ाने की अपनी मांग के लिए बिजली विभाग के सैंकड़ों PDL/TDL ने प्रदर्शन किया.
जिला बिजली विभाग के सामने प्रदर्शन कर रहे इन डेली वेजर्स ने बताया कि इलाके में बिजली के ढांचे में PDL/TDL की भूमिका बेहद अहम है. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि डिली वेजर्स बिजली डिपार्टमेंट की रीढ़ हैं. जो घाटी में बिजली की प्रॉपर सप्लाई में कड़ी मेहनत के जरिए अहम किरदार निभाते हैं.
प्रोटेस्ट में मौजूद दिहाड़ी मजदूरों ने कहा कि PDL और TDL कर्मचारी भारी बर्फबारी और खराब मौसम में भी बिजली की सप्लाई जारी रखने के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर खंभों पर चढ़ते हैं. हम दिन-रात काम करते हैं, फिर भी हमारी मेहनत को तरजीह नहीं मिलती...ट
PDD के इन दिहाड़ी मजदूरों ने उनकी सर्विस को रेग्यूलराइज़ और बेहतर मजदूरी की अपनी मांगों की अनदेखी पर दुख जाहिर किया है. इन मजूदरों की शिकायत है कि हमारे कई साथी ड्यूटी के दौरान करंट लगने के की वजह से अपनी जान गंवा चुके हैं. हमारे बलिदानों के बावजूद, परमानेट रोजगार की हमारी अर्जियां बिना सुनवाई के सचिवालय में रखी हैं...
ऐसे में, प्रदर्शनकारियों ने इस मामले में सरकार से फौरन दखल देने की मांग की है. उन्होंने, अधिकारियों से अपील की है कि वे उनकी मौत पर सुनवाई हो. साथ ही, उनकी सर्विस को रेग्यूलराइज़ करें तथा बिना किसी देरी के उनकी शिकायतों का हल करें.
वहीं, इस प्रोटेस्ट में मौजूद Nazir Ahmed बताते हैं कि हम एक लंबे वक्त से अपनी तवख्वा के लिए परेशान हैं. उन्होंने कहा कि "डिपार्टमेंट में काम कर रहे डेली वेजर्स ही PDD के रीढ़ की हड्डी हैं. लेकिन इनके रेग्यूलराइजेशन को लेकर जिला श्रीनगर ने चार ऑर्डर लिए हैं. लेकिन बदकिश्मती से साउथ कश्मीर के दिहाड़ी मज़दूरों के लिए आज तक कोई ऑर्डर जारी नहीं किया गया है."
उन्होंने आगे कहा कि "श्रीनगर रीज़न में डेली वेजर्स साल 2011 से रेग्यूलराइज़ किए जा चुके हैं. लेकिन यहां के लड़के एक लंबे वक्त से रेग्यूलराइजेंशन का इंतेजार कर रहे हैं."