Jammu Kashmir Elections: जम्मू-कश्मीर में इस साल भी नहीं होंगे चुनाव? फारूक अब्दुल्ला ने क्यों बुलाई राजनीतिक बैठक?...
Elections in Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव, नगर निकाय और पंचायत चुनाव के स्थगित होने की अटकलों के चलते कश्मीर की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों ने भी गुपचुप बैठक शूरू कर दी है.
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Political Meeting at Farooq's House: जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव, नगर निकाय और पंचायत चुनाव के स्थगित होने की अटकलों के चलते कश्मीर की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है. प्रदेश की राजनीतिक पार्टियों ने भी गुपचुप बैठक शूरू कर दी है. आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में होने वाले हर एक स्तर के चुनावों को अगले वर्ष तक स्थगित किए जाने की अटकले लगाई जा रही हैं. ऐसे में कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों ने एक बड़ी राजनीतिक बैठक करने का फैसला किया है. दरसल, ये सभी पार्टियां आने वाली 3 अक्टूबर को कश्मीर के दिग्गज नेता फारूक अब्दुल्ला के घर एक राजनीतिक बैठक के लिए जुटेंगी.
3 अक्टूबर को जम्मू में होगी मीटिंग
आपको बता दें कि 3 अक्टूबर के दिन जम्मू में होने वाली इस बैठक की अध्यक्षता नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला करेंगे. ऐसे में सभी विपक्षी दलों को बैठक के लिए बुलावा भेजा जा चुका है. दरअसल विपक्षी पार्टियों की इस बैठक को मौजूदा वक्त में बेहद अहम माना जा रहा है. वहीं, विपक्षी पार्टी माकपा के दिग्गज नेता मोहम्मद यूसुफ तारीगामी बोले कि फारूक अब्दुल्ला के निवास स्थान पर होने वाली ये बैठक प्रदेश के सभी नेताओं को अपनी बात रखने का मौका देगी.
वहीं, मोहम्मद यूसुफ ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर में लोकतंत्र लगभग खत्म हो चुका है. कश्मीरियों की आवाज दबाई जाने से जनता मायूस हैं. ऐसें 3 अक्टूबर को होने वाली हमारी राजनीतिक बैठक, कश्मीर की जनता के लिए बेहद ही अहम होने जा रही है.
गुलाम नबी को नहीं भेजा गया न्योता
गौरतलब है कि विपक्षी दलों की इस बड़ी बैठक में आपको कश्मीर के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद देखने को नहीं मिलेंगे. दरअसल उन्हें इस बैठक को लेकर निमंत्रित ही नहीं किया गया. उनके अलावा JKAP और पीपुल्स कान्फ्रेंस को भी न्योता नहीं दिया गया है.
जम्मू कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों का आरोप है कि, जनता कश्मीर में चुनाव की मांग कर रही है, लेकिन केंद्र सरकार किसी न किसी बहाने चुनाव को टाल रही है. ऐसे में अटकलें लगाई जा रही हैं कि प्रदेश के नगर पंचायत और नगर निकाय चुनाव को भी टाला जा रहा है.