नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती 2023: सुभाष चंद्र बोस ने की थी अपनी सेक्रेटरी से शादी

23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था, 23 जनवरी 1897 को उड़ीशा, के कटक में नेता जी का जन्म हुआ था. इस दिन को पराक्रम दिवस के तौर पर भी मनाया जाता है.

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती 2023: सुभाष चंद्र बोस ने की थी अपनी सेक्रेटरी से शादी
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Subhash Chandra Bose Jayanti 2024: नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जयंती पर जम्मू के बक्शी नगर में फ्रीडम फाइटर मेमोरियल संगठन ने सुभाष चंद्र बोस का 127 वां जन्मदिन मनाया, इस मौके पर संगठन के लोगों ने सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण किया. प्रमुख भारतीय स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र के जन्मदिन को भारत में मनाया जाता है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. संगठन के लोगो ने सुभाष चंद्र बोस को याद करते हुए बताया कि सुभाष चंद्र बोस एक ऐसी शख्सियत थे. जिन्होंने देश के युवाओं में देशभक्ति की भावना को जगाने का काम किया. आजादी के लिए कैसे लड़ना है ये सब नेताजी के विचारों से ही युवाओं को सीखने मिला. उन्होंने कहा कि सुभाष चंद्र बोस ने नारा दिया था 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा'. उन्होंने कहा कि इस नारे से तमाम देशवासियों में जोश भरा और सब ने स्वतंत्रता के लिए एक साथ लड़ाई लड़ी और देश को आजाद कराया. 

भारत सरकार नेताजी रे जन्मदिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मना रही हैं. चलिए आज बताते हैं नेता जी के जीवन से जुड़ी कुछ बातें..

1. नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीशा, के कटक में हुआ था. बोस के पिता का नाम जानकीनाथ बोस और मां का नाम प्रभावती था. जानकीनाथ बोस कटक में एक मशहूर वकील      थे.

2. नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती को पराक्रम दिवस के रुप  में मनाया जाता हैं,  साल 2021 में पीएम मोदी ने 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था.

3. नेताजी सुभाष चंद्र बोस बेहद ही योग थे, उन्होंने साल 1920 में इंग्लैंड में सिविल सर्विस का एग्‍जाम दिया और चौथा स्थान प्राप्त किया था. नेताजी जी देश की आजादी के लिए हर एक चीज त्याग कर                 आंदोलव में कूदने का फैसला लिया.

4. नेताजी का नजरिया आंदोलन को लेकर बेहद ही साफ था, नेता जी को मालूम था, कि आजादी थाली में परोसकर नहीं म‍िलेगी आजादी. आजादी की कीमत देशवासियों को चुकानी पड़ेगी. नेता जी नेआजादी       के आंदोलन से युवाओं को अपने साथ जोड़ा. 'जय हिंद', 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा', 'चलो दिल्ली' जैसे नारे देकर उनका जोश बढ़ाया.

5. नेताजी ने साल 1937 में अपनी और ऑस्ट्रियन युवती एमिली से शादी की दोनों की एक बेटी हुई. वर्तमान में वो जर्मनी में अपने फैमली के साथ रहती हैं.

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