Pashmina Shawl: कश्मीर में बनती है दुनिया की सबसे मंहगी शॉल, जाने इसकी क़ीमत का राज़...

3 बकरियों की ऊन और लगभग 250 घंटों का कड़ी मेहनत के बाद तैयार होती है एक पश्मीना शॉल. इसे बनाने के लिए रोज़ाना जुटते हैं 2 कारीगर...

Pashmina Shawl: कश्मीर में बनती है दुनिया की सबसे मंहगी शॉल, जाने इसकी क़ीमत का राज़...
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श्रीनगर: आज तक आपने कश्मीर का नाम उसकी ऊंची-ऊंची हसीन वादियों और क़ुदरती हुस्नों जमाल की वजह से सुना होगा. कश्मीर की कुदरती ख़ूबसूरती की वजह से इसे जन्नत-उल-फिरदौस भी कहा जाता है. लेकिन इस सबके अलावा दुनियाभर में कश्मीर को यहां की ख़ास "पश्मीना शॉल" की वजह से भी जाना जाता है, जो दुनिया भर में कश्मीरी शॉल के नाम से मशहूर है. बेहद मुलायम, ख़ूबसूरत और बहुत गर्म होने की वजह से कश्मीर की पशमीना शॉल को दुनियाभर में बेहद पसंद किया जाता है.

कीमत है डेढ़ लाख

इसके मशहूर होने की वजह इसकी कीमत भी है. जानकारों की मानें तो पंद्रह सौ रुपए से शुरू होने वाली एक पश्मीना शॉल की कीमत डेढ़ लाख रुपये तक जाती है. कारोबारियों के मुताबिक, एक पश्मीना शॉल की कीमत सिर्फ इस बात से तय होती है कि वो कौन से जानवर के बालों से तैयार की गयी है. अगर कोई शॉल याक के बालों से तैयार की गई है तो बाज़ार में उसकी कीमत काफी ज्यादा देखने को मिलती है.

अब ये ज़ाहिर है कि इतनी कीमती शॉल को तैयार करने का तरीका भी बेहद ख़ास होगा. तो चलिए जानते हैं कैसे तैयार की जाती है एक पशमीना शॉल...

 250 घंटे में तैयार होती है एक पशमीना शॉल

पश्मीना शॉल को तैयार करने के लिए चेगू और चंगतांगी नाम की बकरी की नस्लों से मिलने वाली ऊन का इस्तेमाल किया जाता है. पहाड़ों पर बेहद ही ज्यादा ऊंचाई पर, खतरनाक आबो-हवा वाली हालात में पाई जाने वाली इन बकरियों पकड़ना बेहद ही मुश्किल होता है.  एक बकरी से एक बार में बेहद ही कम ऊन ही मिल पाती है. चंगतांगी नस्ल की बकरी से 250 ग्राम और चेंगू नस्ल की बकरी से हर साल केवल 100 ग्राम पश्मीना ऊन ही मिल पाती है. इसके साथ ही इसे तैयार करने के लिए, याक के बालों का भी प्रयोग किया जाता है. 3 बकरियों की ऊन और लगभग 250 घंटों का कड़ी मेहनत के बाद तैयार होती है एक पश्मीना शॉल. इसे बनाने के लिए रोज़ाना 2 कारीगर पूरी मेहनत से जुटते हैं, इन सब ख़ासियतों की वजह से इसका इतना महंगा होना लाज़मी है.

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