NC Manifesto : 370 की बहाली का वादा ! NC के मेनिफेस्टों में और क्या है ?

J&K Assembly Elections : साल 2019 में नरेंद्र मोदी की हुकूमत ने जम्मू-कश्मीर को मिलने वाला ख़ास दर्जा, यानी आर्टिकल 370 को ख़त्म कर दिया और रियासत को दो मरकज़ी रियासत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तक़सीम कर दिया. आर्टिकल 370 के हटाए जाने के बाद, घाटी में यह पहला विधानसभा चुनाव है. ऐसे में, नेशनल कॉन्फ्रेंस का ये मेनिफेस्टो काफी अहम है...

NC Manifesto : 370 की बहाली का वादा ! NC के मेनिफेस्टों में और क्या है ?
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Jammu and Kashmir : चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही जम्मू-कश्मीर में सियासी पार्टियों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी सिलसिले में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपना मेनिफेस्टो पेश कर दिया है. जिसमें 12 गारंटी दी गई हैं. इनमें सबसे अहम आर्टिकल 370 की बहाली, जम्मू-कश्मीर के रियासत का दर्जा वापस दिलाना, और साल 2000 में उस वक़्त की असेबंली में पास खुदमुख्तारी तजवीज़ का पूरी तरह से अमल शामिल है. बीजेपी ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के इस मेनिफेस्टो को एंटी नेशनल करार दिया है.

बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नायब सद्र उमर अब्दुल्ला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, मेनिफेस्टो जारी करते हुए घाटी के लोगों के साथ बहुत से वादे किए हैं. जिनमें, जैसे कि सभी सियासी कैदियों के लिए माफी और कश्मीरी पंडितों की वादी में इज़्ज़त के साथ वापसी. इसके अलावा, पार्टी ने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, बिजली और पानी के मुसीबत से निजात, जम्मू-कश्मीर को पनबिजली प्रोजेक्ट्स का हक़ दिलाने और माली तौर पर कमज़ोर तबकों को हर साल 12 मुफ्त एलपीजी सिलेंडर देने का भी वादा किया है.

वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नायब सद्र उमर अब्दुल्ला ने कहा कि पार्टी सिर्फ़ वही वादे कर रही है जो वो पूरा कर सकती है. उन्होंने इस मेनिफेस्टो को एनसी का विज़न डॉक्यूमेंट और हुकूमत का रोडमैप बताया. मेनिफेस्टो में 12 अहम वादे किए गए हैं. एनसी के इस चुनावी दस्तावेज़ में कहा गया है कि "हम आर्टिकल 370-35ए की बहाली और 5 अगस्त 2019 से पहले की सूरते हाल में रियासत का दर्जा वापस लाने के लिए जद्दोजहद करेंगे."

गौरतलब है कि जून 2000 में फ़ारूक़ अब्दुल्ला की क़यादत वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस हुकूमत ने असेबंली में एक तजवीज़ पास किया था, जिसमें रियासत में 1953 से पहले की आइनी सूरते हाल बहाल करने की डिमांड की गई थी. लेकिन उस वक़्त के वज़ीर-ए-आज़म अटल बिहारी वाजपेयी की सरपरस्ती वाली मरकज़ी काबीना ने इस तजवीज़ को ख़ारिज कर दिया था. वहीं, साल 2019 में नरेंद्र मोदी की हुकूमत ने जम्मू-कश्मीर को मिलने वाला ख़ास दर्जा, यानी आर्टिकल 370 को ख़त्म कर दिया और रियासत को दो मरकज़ी रियासत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तक़सीम कर दिया. 

आपको बता दें आर्टिकल 370 के हटाए जाने के बाद, घाटी में यह पहला विधानसभा चुनाव है. जिसको लेकर घाटी की तमाम सियासी पार्टियां अपनी तैयारी में जुट गई हैं. ऐसे में, नेशनल कॉन्फ्रेंस का ये मेनिफेस्टो काफी अहम है...  
 

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