Parveena Akther: मिलिए कश्मीर में सॉयल टेस्टिंग लैब शुरू करने वाली पहली महिला पर्वीना अख़्तर से...
Kashmir’s First Woman : पर्वीना का मानना है कि "यह पहल सिर्फ सॉयल टेस्टिंग के बारे में नहीं है; यह किसानों को ज्ञान से सशक्त बनाने के बारे में है. मैं पारंपरिक खेती और वैज्ञानिक प्रगति के बीच की खाई को पाटना चाहती हूं ताकि बेहतर उपज और स्वस्थ मिट्टी सुनिश्चित हो सके."
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Jammu and Kashmir : साउथ कश्मीर के शोपियां जिले के वाची गांव की 27 वर्षीय पर्वीना अख़्तर ने एक नया इतिहास रचा है. BSc स्टूडेंट पर्वीना ने एक सॉयल टेस्टिंग लैब की शुरूआत की है. ऐसा करने वाली वे कश्मीर की पहली महिला हैं. उनके इस कदम से स्थानीय किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने में मदद मिलेगी.
एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के सहयोग से स्थापित इस प्रयोगशाला का मकसद किसानों को मिट्टी की संरचना, पोषक तत्वों की कमी और फसल उपयुक्तता के बारे में जानकारी प्रदान करना है. इससे किसान सटीक जानकारी हांसिल कर सकेंगे, जिससे खाद का अत्यधिक उपयोग कम होगा और sustainable खेती को बढ़ावा मिलेगा.
केसर टीवी से बातचीत के दौरान पर्वीना ने कहा, "यह पहल सिर्फ सॉयल टेस्टिंग के बारे में नहीं है; यह किसानों को ज्ञान से सशक्त बनाने के बारे में है. मैं पारंपरिक खेती और वैज्ञानिक प्रगति के बीच की खाई को पाटना चाहती हूं ताकि बेहतर उपज और स्वस्थ मिट्टी सुनिश्चित हो सके."
कृषि विभाग ने इस प्रयोगशाला की स्थापना में मार्गदर्शन और मदद की है, और अधिकारियों ने पर्वीना की प्रतिबद्धता की सराहना की है. उनका मानना है कि यह प्रयास खास तौर पर साउथ कश्मीर इलाके के किसान समुदाय को फायदा पहुंचाएगा.
स्थानीय किसानों ने इस पहल का स्वागत किया है और वैज्ञानिक सॉयल टेस्टिंग से अपनी कृषि उपज में सुधार की उम्मीद जताई है.
पर्वीना अख़्तर का यह कदम कश्मीर के एग्रीकल्चर सेक्टर में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो साबित करता है कि नौजवान महिलाएं पारंपरिक रूप से पुरुष-प्रधान इलाकों में परिवर्तनकारी बदलाव का नेतृत्व कर सकती हैं. उन्हे इस लैब से उम्मीद है कि यह इलाके की कृषि अर्थव्यवस्था के आधुनिकीकरण और स्थायित्व के लिए युवाओं द्वारा संचालित पहलों के लिए एक उदाहरण स्थापित करेगी.