High-Tech Farming : केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रियासी के किसान कर रहे हाईटेक खेती!
Agriculture Department : रियासी के किसान सुरिंदर सिंह ने HADP स्कीम का फायदा उठाते हुए हाईटेक पॉलीहाउस स्थापित किया है. उन्होंने ट्रेडिशनल खेती छोड़कर आधुनिक तकनीकों को अपनाया, जिससे उनकी उपज और आमदनी में खास इजाफा हुआ है.
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Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले के किसान अब एडवांस एग्रीकल्चर तकनीक को अपनाकर आत्मनिर्भर बन रहे हैं. केंद्र सरकार की 'समग्र कृषि विकास कार्यक्रम' (HADP) के तहत उन्हें नई तकनीकों, स्किल डेवलपमेंट और माली सहायता मिल रही है, जिससे उनकी पैदावार और आमदनी में इजाफा हो रहा है.
सुरिंदर सिंह: आधुनिक खेती का उदाहरण
रियासी के किसान सुरिंदर सिंह ने HADP स्कीम का फायदा उठाते हुए हाईटेक पॉलीहाउस स्थापित किया है. उन्होंने ट्रेडिशनल खेती छोड़कर आधुनिक तकनीकों को अपनाया, जिससे उनकी उपज और आमदनी में खास इजाफा हुआ है. सुरिंदर सिंह का कहना है कि HADP के जरिए उन्हें नई तकनीकों की जानकारी, आधुनिक उपकरण और वित्तीय सहायता मिली, जिससे वे अब उच्च गुणवत्ता वाली सब्जियां उगा रहे हैं और आत्मनिर्भर बन रहे हैं.
एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट की अहम भूमिका
रियासी जिले में एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट को हर संभव मदद मुहैया कर रहा है. उन्हें नई तकनीकों की ट्रेनिंग, बीज, खाद और अन्य जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिससे वे लाभदायक खेती कर सकें. डिपार्टमेंट की फ्री रेंटल स्कीम से राज्य के 31 हजार से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है.
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
केंद्र सरकार की इन योजनाओं से जिले के किसान अब हाईटेक फार्मिंग की ओर बढ़ रहे हैं और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में योगदान दे रहे हैं. आधुनिक तकनीकों के उपयोग से न केवल उनकी आय में वृद्धि हो रही है, बल्कि वे एग्रीकल्चर सेक्टर में नए मानदंड स्थापित कर रहे हैं.
सरकारी Schemes का व्यापक प्रभाव
केंद्र सरकार की योजनाएं, जैसे HADP, किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं. इन योजनाओं के जरिए से किसानों को तकनीकी ज्ञान, वित्तीय सहायता और आवश्यक संसाधन मिल रहे हैं, जिससे वे अपनी खेती को उन्नत बना रहे हैं. यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान कर रहा है.