Ganderbal Attack : नई सरकार बनने के बाद गांदरबल में पहला बड़ा हमला, क्या है दहशतगर्दों का एजेंडा?

Ganderbal Target Killing : दहशतगर्दों ने पहले मजदूरों के कैंप को घेरा फिर गोलियों की बौछार कर दी. दहशतगर्दों के मोड्स ऑपरेंडी साफ है कि बाहर के लोग उनके निशाने पर हैं. जिन लोगों की हमले में मौत हुई है, वे अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं और उनका ओहदा भी अलग-अलग है.

Ganderbal Attack : नई सरकार बनने के बाद गांदरबल में पहला बड़ा हमला, क्या है दहशतगर्दों का एजेंडा?
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Jammu and Kashmir : जम्मू कश्मीर में नई सरकार बनने के बाद टारगेट किलिंग का पहला बड़ा ममला सामने आया है. इस हमले का मोड़्स ऑपरेंडी क्या था ?  

दहशतगर्दों ने पहले मजदूरों के कैंप को घेरा फिर गोलियों की बौछार कर दी. दहशतगर्दों के मोड्स ऑपरेंडी साफ है कि बाहर के लोग उनके निशाने पर हैं. जिन लोगों की हमले में मौत हुई है, वे अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं और उनका ओहदा भी अलग-अलग है.

दहशतगर्दाना हमले में मारे गए लोगों का ब्यौरा कुछ इस प्रकार है - 

डॉ. शहनवाज, कश्मीर के रहने वाले थे.
फहिमन नसीर- सेफ्टी मैनेजर बिहार के रहने वाले थे.
कलीम, ताहीर एंड सन्स कंपनी, बिहार के रहने वाले थे.
मोहम्मद हनीफ, ताहीर एंड सन्स कंपनी, बिहार के रहने वाले थे.
मध्य प्रदेश के अनील शुक्ला मैकेनिकल मैनेजर थे.
शशि अवरोल, डिज़ाइनर थे जो जम्मू के रहने वाले थे. और गुरमीत सिंह, रिगर के रहने वाले थे.

गांदरबल में हुआ यह हमला जम्मू कश्मीर की नई सरकार बनने के बाद पहला बड़ा और सबसे दर्दनाक दहशतगर्दाना हमला है. इस हमले में तीन राज्यों के अलग-अलग मजदूरों की मौत हुई. यह हमला जिस इलाक़े में हुआ, वो गांदरबल विधान सभा सीट उमर अब्दुल्ला की पुश्तैनी विधानसभा सीट रही है. इस सीट से उमर अब्दुल्ला के दादा शेख अब्दुल्ला और उसके बाद उनके पिता फारूक अब्दुल्ला विधायक रह चुके हैं... 

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