Jammu News : पहाड़ी समुदाय को अलग से 10% आरक्षण मिलेगा; LG सिन्हा ने किया ऐलान
J&K ST Reservation : गुरुवार को राजभवन में पत्रकारों बातचीत के दौरान जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बताया कि, पहाड़ी समुदाय की 12 लाख की आबादी को नौकरी, शिक्षा के साथ-साथ अब राजनीतिक आरक्षण भी मिलने लगेगा. इससे दूसरे समुदाय को मिले आरक्षण कोटे में कटौती की जाएगी
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जम्मू Manoj Sinha : जिस दिन से लोकसभा में जम्मू कश्मीर के पहाड़ियों को अनुसूचित जनजाति का दर्ज़ा देने वाला विधेयक पास हुआ है, उस दिन से ऐसी अफवाहें खूब फैलाई जाने लगी कि इससे दूसरे समुदाय को मिले आरक्षण कोटे में कटौती की जाएगी. लेकिन अब जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने खुद सामने आकर इन सभी अफवाहों का खंडन किया है और कहा है कि पहाड़ी समुदाय को अलग से 10% आरक्षण मिलेगा.
गुरुवार को राजभवन में पत्रकारों बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही. इस दौरान LG सिन्हा ने बताया कि, पहाड़ी समुदाय की 12 लाख की आबादी को नौकरी, शिक्षा के साथ-साथ अब राजनीतिक आरक्षण भी मिलने लगेगा. उन्होंने कहा कि, इन इलाकों का विकास भी ट्राइबल प्लान के तहत किया जाएगा हालांकि इससे पहले से अनुसूचित जनजाति में शामिल गुज्जर-बकरवाल समुदाय के आरक्षण पर किसी तरह का कोई असर नही पड़ेगा.
उन्होंने साफ किया कि, उन्हें (गुज्जर-बकरवाल) पहले की तरह 10 परसेंट आरक्षण का फायदा मिलता रहेगा. उनके अधिकार के एक प्रतिशत हिस्से में भी कटौती नही की जाएगी. साथ ही उन्होंने लोगों से आरक्षण विधेयक पर फैलाई जा रही अफवाहों से सावधान रहने की अपील भी की है.
पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, 'गृहमंत्री अमित शाह ने राजौरी और बारामुला की रैली में पहाड़ी समुदाय को ST का दर्जा देने की बात कही थी लेकिन साथ ही उन्होंने गुज्जर-बकरवाल समुदाय को भी आश्वस्त किया था कि उनके आरक्षण में कोई कटौती नही होगी. लेकिन जैसे ही संसद से पहाड़ी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने का विधेयक पास हुआ उसके बाद ये अफवाहें फैलने लगी.'
उन्होंने बताया कि पहाड़ी समुदाय के लिए अलग से 10 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा. जिसमें नौकरी से लेकर शिक्षा में जो भी पद गुज्जर-बकरवालों के लिए आरक्षित होंगे उनपर किसी अन्य समुदाय या जाति के लोगों को सुविधा नहीं मिलेगी. उसी तरह पहाड़ी समुदाय के लिए भी आरक्षित पदों पर यही प्रावधान होगा. उन्होंने कहा कि, इन दोनों ही समुदाय के बीच किसी तरह के प्रतिद्वंद्विता के हालत नही बनेंगे.
आपको बता दें कि, जम्मू कश्मीर के पहाड़ी, लंबे वक्त से रिज़र्वेशन की मांग कर रहे थे. लेकिन अब पहली बार पहाड़ी समुदाय को एसटी संवर्ग में रखने का बिल पास किया गया है. और अब उन्हें भी अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिलेगा.