Jammu and Kashmir:कश्मीर घाटी में उड़ान भरेगा तेजस... वायुसेना ने भेजा लड़ाकू बेड़ा...

पाकिस्तानी बॉर्डर से सटी कश्मीर घाटी में उड़ान भरने का तजुर्बा हासिल करने के लिए वायुसेना ने अपने तेजस विमान को जम्मू-कश्मीर में किया तैनात. तेजस के आगे पाकिस्तानी जेट फेल...

Jammu and Kashmir:कश्मीर घाटी में उड़ान भरेगा तेजस... वायुसेना ने भेजा लड़ाकू बेड़ा...
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जम्मू-कश्मीर: भारतीय वायु सेना ने तेजस विमान के एक बेड़े को पाकिस्तानी बॉर्डर से सटी कश्मीर घाटी में उड़ान भरने के अनुभव हासिल करने के लिए अपने तेजस विमान को जम्मू-कश्मीर में तैनात कर दिया है.
एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि “एलसीए तेजस के बेड़े को आगे के ठिकानों पर ले जाया गया है ताकि पायलट कश्मीर की घाटियों में उड़ान भरने और बाकि के दूसरे अभियानों का अनुभव प्राप्त कर सकें. लड़ाकू बेड़े के पायलट यहां काफी मेहनत कर रहे हैं.

चीन और पाकिस्तान से लड़ने में है सक्षम

उन्होंने बताया कि कश्मीर में भारतीय वायु सेना के कई हवाई अड्डे हैं जो चीन और पाकिस्तान के दोनों मोर्चों पर नाजुक हालात में अहम मदद करेंगे. भारतीय वायु सेना के विमान जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में अपनी उड़ान भरते हैं ताकि उन्हें इन दोनों जगहों के अलग-अलग माहौल में उड़ान भरने का तजुर्बा मिल सके।

वायुसेना को हो तेजस से प्यार

भारतीय वायुसेना विमान में ज़रूरत के मुताबिक बदलाव करके स्वदेशी लड़ाकू विमान एलसीए तेजस का पुरजोर समर्थन कर रही है। भारतीय वायुसेना ने पहले ही तेजस लड़ाकू विमान की दो स्क्वाड्रन का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जबकि तेजस के 83 नए और अपडेटिड विमान, मार्क1ए के लिए एक कॉन्ट्रेक्ट किया है. अब से कुछ सालों में इन विमानों की डिलीवरी भी शुरू हो जाएगी.
वायुसेना की नजरें रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानि DRDO द्वारा विकसित किए जा रहे एलसीए मार्क 2 और AMCA पर है।

तेजस के आगे पाकिस्तानी जेट फेल

भारत स्वदेशी तेजस विमान को पहले से ही पाकिस्तानी और चीनी द्वारा मिलकर बनाए गए JF-17 फाइटर जेट की तुलना में कहीं अधिक सक्षम माना जाता है. और हैमर मिसाइल के आजाने से तेजस अपनी श्रेणी के दूसरे विमानों से काफी आगे निकल जाएगा.

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