रेशमा से राशिद बने कश्मीरी गायक ने दुनिया को कहा अलविदा, दिलचस्प रहा सफ़र
कश्मीर को अपना वेडिंग एंथम 'हाय है वासी' गाना देने वाले अब्दुल राशिद उर्फ रेशमा अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. सिंगर अब्दुल का 6 नवंबर 2022 को इंतकाल हो गया है. राशिद काफी अरसे से बीमारी से पीड़ित थे. उन्होंने अपनी आखिरी सांस SMHS अस्पताल में ली थी. देर रात 12 बजे उनकी मौत की ख़बर ने उनके फैंस को ग़मगीन कर दिया था.
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Singer Abdul Rashid: कश्मीर को अपना वेडिंग एंथम 'हाय है वासी' गाना देने वाले अब्दुल राशिद उर्फ रेशमा अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. सिंगर अब्दुल का 6 नवंबर 2022 को इंतकाल हो गया है. राशिद काफी अरसे से बीमारी से पीड़ित थे. उन्होंने अपनी आखिरी सांस SMHS अस्पताल में ली थी. देर रात 12 बजे उनकी मौत की ख़बर ने उनके फैंस को ग़मगीन कर दिया था.
अलग अंदाज़ से बनाई पहचान
अब्दुल राशिद एक ट्रांसजेंड़र थे. उन्हें शुरुआत से ही गाना गाने का शौक था. कश्मीर में अब्दुल राशिद को रेशमा के नाम से जाना जाता है. राशिद ज़्यादातर शादियों और पब्लिक प्रोग्राम में अलग अंदाज़ में गाना गाया करते थे जिसकी वजह से वह कश्मीर के आम घरों में एक जाना माना नाम रहें.
हाय है वासी गाने के बिना अधूरी है शादी
राशिद ने कई बेहतरीन गाने गाए थे. जिनमें सबसे ज़्यादा प्यार 'हाय है वासी' और 'यार है तदेवनास' जैसे गानों को मिला है. कश्मीर के लगभग हर घर में शादी के मौके पर अब्दुल राशिद का गाने ज़रूर बजते हैं. इसके अलावा अब्दुल राशिद के गाने सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हैं. राशिद की खुशमिजाजी उनके गानों में साफ झलकती है. रेशमा से राशिद बनने का सफर उन्होंने खुद ही तय किया था. अपनी अलग पहचान को उन्होंने वाकई में सबसे अलग बनाया. कश्मीर की हसीन वादियों की तरह उन्होंने अपने थर्ड जेंड़र की पहचान को अपनी सिंगर के ज़रिए खूबसूरत बनाया था. उनकी मौत की ख़बर वाकई में बेहद दिला दुखा देने वाली है.
श्रीनगर के नवा कदल इलाके के रहने वाले राशिद एक बहुत अच्छे और मिलनसार इंसान थे. बबलू ट्रांसजेंडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने राशिद की मौत पर गहरा दुख जताया है. बबलू ने कहा, “हम अपने सहयोगी की मौत से बहुत दुखी हैं।”