Bollywood and Kashmir: कश्मीर की वादियों से था शम्मी कपूर का गहरा नाता, मरे तो डल झील में बहाई गईं अस्थियां...

हुस्नों जमाल से लबालब वादी-ए-कश्मीर दुनिया भर के टूरिस्ट्स की पहली पसंद है. टुरिस्ट्स के अलावा इसका बॉलीवुड से भी काफी पुराना रिश्ता है.

Bollywood and Kashmir: कश्मीर की वादियों से था शम्मी कपूर का गहरा नाता, मरे तो डल झील में बहाई गईं अस्थियां...
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Kashmir: हुस्नों जमाल से लबालब वादी-ए-कश्मीर दुनिया भर के टूरिस्ट्स की पहली पसंद है. हर साल यहां आने वाले टूरिस्ट्स का तांता लगा रहता है. वादी-ए-कश्मीर की बेशुमार ख़ूबसूरती की वजह से इसे ज़मीन पर जन्नत कहा जाता है.  टुरिस्ट्स के अलावा इसका बॉलीवुड से भी काफी पुराना रिश्ता है. एक जमाने में राज कपूर की फिल्म ‘बरसात’ साल 1949 में रिलीज़ होने से लेकर ‘बजरंगी भाईजान’ और बीते साल रिलीज़ हुई ‘कश्मीर फाइल्स’ तक की शूटिंग कश्मीर की खू़बसूरत वादियों में की जा चुकी है. अपने बॉलीवुड कनेक्शन के लिए मशहूर कश्मीर और फिल्मी सितारों की कई कहानियों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा है. तो चलिए जानते ऐसे ही किसी एक क़िस्से के बारे में...

शम्मी कपूर और कश्मीर के ब्रांड एम्बैसेडर 

60 के दशक में आई शम्मी कपूर कि फिल्म कश्मीर की कली का गाना- ये चांद सा रौशन चेहरा, ने शम्मी कपूर को बेशुमार शौहरत दी. इस फिल्म के रिलीज़ होने के बाद वे न केवल भारत के दूसरे हिस्सों में बल्कि कश्मीर के बच्चे बच्चे और नौजवान के दिलों पर राज करने लगे. बाद में शम्मी कपूर ने अपने जीवन की बुहत सारी फिल्मों और गानों की शूटिंग केवल कश्मीर में ही की, जिसकी वजह से लोग उन्हें कश्मीर का ब्रांड एम्बैसेडर मानने लगे. आज भी डल झील में शिकारा चलाने वाले कई सारे लोग मिलेंगे जिनके पिताजी या दादाजी के दौर में शम्मी कपूर यहां शूटिंग किया करते थे. 

लोगों के प्यार और कश्मीर की ख़ूबसूरती की वजह से शम्मी कपूर को वादी-ए-कश्मीर से बेहद लगाव हो गया. उनके इसी लगाव की वजह से जब उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा तो उनकी अस्थियों को डल झील में ही बहाया गया.

कई हिट फिल्मों की हुई शूटिंग

शम्मी कपूर के बाद 60 के दशक में बॉलीवुड की बहुत सारी हिट फिल्मों की शूटिंग के लिए कश्मीर पहली पसंद हो गया. इन फिल्मों में 'कश्मीर की कली', 'जंगली', 'जब जब फूल खिले', 'जानवर' और 'आरज़ू' शामिल हैं. इसके अलावा कश्मीर में बॉलीवुड के कई मशहूर गानों की शूटिंग भी हुई, जिसमें- शम्मी कपूर का 'तारीफ़ करूँ क्या उसकी', अमिताभ बच्चन का 'जय जय शिव शंकर' और 'देखा एक ख़्बाव तो ये सिलसिले हुए' गुलमर्ग में ही शूट हुए. यहां तक की फेमश डायरेक्टर यश चोपड़ा ने भी अपनी फिल्म कभी-कभी की   शूटिंग को स्विट्ज़रलैंड में करने से पहले कश्मीर में ही शूटिंग की थी.

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