सर्वें में जम्मू और कश्मीर बना हर टूरिस्ट की पहली पसन्द, बढ़ रहा है कश्मीर में आने वाले टूरिस्टों का ग्राफ
ट्रैवल फिनटेक सनकैश नाम की एक स्वतंत्र संस्था के सर्वे में सामने आया है कि 2023 की पहली तिमाही में कश्मीर सैलानियों की पहली पसंद रहा है। अकेले घूमने आने वाले सैलानियों के लिए कश्मीर घाटी सबसे पसंदीदा टूरिस्ट पैलेस में से एक है। सर्वे के मुताबिक अकेले घूमने वाले 35 फीसदी लोग कश्मीर में अपनी छुट्टियां बिताना पंसद करते हैं। उनका मानना है कि कश्मीर कई मायने में सुरक्षित और घुमने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है। धरती पर जन्नत के नजारें सिर्फ कश्मीर में देखे जा सकते है और टूरिस्टों की बढ़ती भीड़ इस बात का गवाह है।
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श्रीनगर : आर्टिकल 370 की समाप्ति के बाद से ही ये कयास लगाये जा रहे थे कि कश्मीर की आवाम शायद इसे सिरे से खारिज कर देगी। लेकिन साल दर साल बीत रहे माहौल में केन्द्र सरकार के प्रयास से घाटी में शांति का माहौल बनाने में एक तरफ जहां कामयाबी हाथ लगी तो वहीं दूसरी ओर जम्मू और कश्मीर के युवाओं की ओर से पॉजटीव रिसपोन्स भी मिला।
सैयाहों की घाटी की ओर लगातार वापसी होने लगी, सेफ्टी को लेकर जो चिंता टूरिस्टों के अन्दर देखी जाती थी उसमें लगातार कमी देखने को मिली जिसके बाद से ही अब टूरिस्टों के आंकड़ो में इजाफा देखा जा सकता है।
ट्रैवल फिनटेक सनकैश नाम की एक स्वतंत्र संस्था के सर्वे में सामने आया है कि 2023 की पहली तिमाही में कश्मीर सैलानियों की पहली पसंद रहा है। अकेले घूमने आने वाले सैलानियों के लिए कश्मीर घाटी सबसे पसंदीदा टूरिस्ट पैलेस में से एक है।
सर्वे के मुताबिक अकेले घूमने वाले 35 फीसदी लोग कश्मीर में अपनी छुट्टियां बिताना पंसद करते हैं। उनका मानना है कि कश्मीर कई मायने में सुरक्षित और घुमने के लिए सबसे बेहतरीन जगह है। धरती पर जन्नत के नजारें सिर्फ कश्मीर में देखे जा सकते है और टूरिस्टों की बढ़ती भीड़ इस बात का गवाह है।
संस्था की रिपोर्ट सर्वे के मुताबिक अकेले घूमना पसंद करने वाले 25 फीसदी लोग मनाली तो 14 फीसदी लोग शिमला जाना चाहते हैं। मसूरी, सिक्कम और गोवा का नौ, सात और पांच प्रतिशत के साथ चौथा, पांचवां और छठा स्थान है।
टूरिस्टों को भा रहे हैं घरेलू टूरिस्ट पैलेस
देश में अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक समृद्धि के लिए प्रसिद्ध स्थलों के प्रति लोकप्रियता में बहुत बड़ी वृद्धि देखी जा रही है। मार्च 2023 तक घरेलू यात्रा सबसे ज्यादा पसन्द की जा रही है और घरेलू यात्रा कोरोना महामारी के बाद के स्तर को पार कर चुकी है। फिर से टूरिज्म इंडस्ट्री को बल मिल रहा है और गर्मियों में पहाड़ी इलाकों के होटलों में बुकिंग एडवांस में हो रही है। हर कोई पहाड़ो में अपनी छुट्टियां बिताने के लिए बहुत मुश्किल से समय निकालता है क्योंकि सभी के जीवन में व्यस्तता बहुत ज्यादा है ऐसे में दो से तीन महीने पहले ही छुट्टीयां कहां और कैसे बितानी है इसका प्लान तैयार हो जाता है। ऐसी स्थिती में लोगों का रूझान कश्मीर की ओर सबसे ज्यादा बढ़ रहा है जोकि इस सर्वे का ग्राफ साफ तौर पर बता रहा है।
सर्वे करने वाली संस्था के सह-संस्थापक और सीईओ आकाश दहिया कहते हैं, डोमेस्टिक ट्रेवल के लिए यह रुझान महामारी से पहले के स्तर का 100 प्रतिशत है। यह एक उल्लेखनीय बदलाव का संकेत है।
देश की युवा पीढ़ी में अकेला घूमने की प्रवृति बढ़ रही
रिपोर्ट के अनुसार, सबसे दिलचस्प पहलू यह निकलकर सामने आया कि देश की युवा पीढ़ी में एकल यात्रा प्रवृति बढ़ी है। युवा रोमांच वाले और नए स्थलों की खोज कर रहे हैं। वित्त वर्ष 23 की पहली तिमाही में नए और रोमांचक स्थलों को ढूंढने में 250 प्रतिशत की भारी वृद्धि दर्ज की गई है। एकल यात्रा का चार्ट सबसे ऊपर है। स्वतंत्रत घूमने की इच्छा एकल यात्रा में वृद्धि का बड़ा कारण है।
अकेले घुमने की बढ़ती सोच के पीछे का सबसे बड़ा कारण है लोगों की टाइमिंगस का एक न होना दरअसल इस बात को इस तरह से समझा जा सकता है कि जब किसी एक आदमी के पास कहीं जाने का समय हो और वो जब दूसरे से पुछता है लेकिन दोनों की टाइमिंगस के मैच न होने के कारण प्रोग्राम का रिसिड्यूल होता रहता है। ऐसे में कई बार ये स्थिती बन जाती है कि लोग ट्रेवल करने के लिए निकल ही नहीं पाते है क्योंकि उनके साथी को छुट्टि नहीं मिल पाती है।