JK Assembly Election First Phase : जन्नत में जम्हूरियत का शानदार जश्न, पहले फेज़ में 219 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद !

Jammu Kashmir Assembly Intakhab 2024 : 18 सितंबर को जम्मू कश्मीर में एक बार फिर जम्हूरियत की सबसे ख़ूबसूरत तस्वीर देखने को मिली. कभी दहशतगर्दी तो कभी फायरिंग, तो कभी कर्फ्यू के साये में रहने वाले कश्मीरी बड़ी तादाद में घरों से बाहर निकले और जम्मू कश्मीर के भविष्य के लिए वोटिंग की...

JK Assembly Election First Phase : जन्नत में जम्हूरियत का शानदार जश्न, पहले फेज़ में 219 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद !
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Jammu  Kashmir : बीते बुधवार को पोलिंग बूथ पर लगी लंबी लंबी कतारें, बुलेट पर बैलट की जीत की गवाही हैं. शौक-ओ-हुस्न के साथ वोट करने जाते नौजवान जम्हूरियत, कश्मीरीयत और इंसानियत के ख्वाब की ताबीर हैं. कश्मीर में 18 सितंबर को रिकॉर्ड वोटिंग हुई. जम्मू कश्मीर की अवाम अपने कल का फैसला करने के लिए लाइनों में खड़ी दिखी. कश्मीर के जिन इलाकों में कुछ साल पहले तक दहशतगर्दाना हमले आम हुआ करते थे. इलेक्शन का बॉयकॉट किया जाता था. वहां लोगों का हुजूम वोटिंग में हिस्सा लेता नज़र आया.

 219 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद 

बता दें कि पहले फेज़ में जम्मू कश्मीर के 7 ज़िलों की 24 असेंबली सीटों पर वोटिंग हुई. जिसमें 219 उम्मीदवारों की किस्मत EVM में बंद हो गई है. 

आंकड़ों के मुताबिक पहले फेज़ में 61.13 % वोटिंग हुई. किश्तवाड़ ज़िले में सबसे ज्यादा 80 फ़ीसद से भी ज़्यादा वोटिंग दर्ज की गई. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, किश्तवाड़ में 80.14 फ़ीसद, डोडा में 71.34 फ़ीसद,  रामबन में 70.55 फीसद, अनंतनाग में 57.84 फ़ीसद, कुलगाम में 62.62 फ़ीसद, पुलवामा में 46.65 फ़ीसद, शोपियां में 55.96 फ़ीसद वोटिंग हुई.  

वहीं, जम्मू कश्मीर के चीफ़ इलेक्शन कमिश्नर पी के पोले ने पोलिंग को लेकर ख़ुशी का इज़हार किया और कहा की यह असेंबली इलेक्शन में हुई अब तक की हाईएस्ट पोलिंग है. चीफ़ इलेक्शन कमिश्नर पी के पोले ने वोटिंग को लेकर कहा कि दूर दराज़ इलाक़ों के आंकड़े अभी साफ़ नहीं हुए जिसके चलते इनके वोटिंग परसेंट में कुछ चेंजेज़ हो सकते हैं ..
 
24 असेंबली सीटों ब्यौरा

सीटों के हिसाब से बात करें तो, किश्तवाड़ की इंद्रवाल असेंबली सीट पर सबसे ज़्यादा 82.16 फ़ीसद वोट पड़े. अनंतनाग सीट पर 45.62 फ़ीसद, दोरू सीट पर 61.61 फ़ीसद कोकरनाग सीट पर 62 फ़ीसद, अनंतनाग वेस्ट सीट पर 48.73 फ़ीसद, बिजबेहरा में 60.33 फ़ीसद, शंगस-अनंतनाग ईस्ट में 56.72 फ़ीसद, पहलगाम में 71.26 फ़ीसद वोटिंग हुई.

वहीं, डोडा ज़िले की डोडा सीट पर 72.48 फ़ीसदी, भद्रवाह सीट पर 67.18 फ़ीसद और डोड वेस्ट सीट पर 75.98 फ़ीसद वोटिंग हुई. 

किश्तवाड़ ज़िले की तीन सीटों में इंद्रवाल सीट पर सबसे ज़्यादा 82.16 फ़ीसद वोटिंग हुई. किश्तवाड़ सीट पर 78.11 फ़ीसद तो पैडर-नागसेनी में 80.67 फ़ीसद वोटिंग हुई ..

कुलगाम ज़िले की कुलगाम सीट पर 62.76 फ़ीसद वोटिंग हुई. डीएच पोरा में 68.45 फ़ीसद और देवसर में 57.33 फ़ीसद वोटिंग हुई.

पुलवामा ज़िले की पुलवामा सीट पर 50.42 फ़ीसद वोटिंग हुई .. जबकि पांपोर सीट पर  44.74 फ़ीसद .. त्राल में 43.21 फ़ीसद. राजपोरा सीट पर 48.07 फ़ीसद वोटिंग हुई. वहीं, रामबन ज़िले की बनिहाल सीट पर सबसे ज़्यादा 71.28 फ़ीसद वोटिंग हुई. रामबन सीट पर 69.60 फ़ीसद वोटिंग हुई. इसके अलावा साउथ कश्मीर की शोपियां सीट पर 57.78 फ़ीसद वोटिंग और ज़ैनपोरा सीट पर 54.28 फ़ीसद वोटिंग हुई. 
 
पिछले असेंबली इलेक्शन यानी 2014 के इंतेख़ाबात के आंकड़ों पर नज़र डालें तो पुलवामा में 44 फ़ीसद वोटिंग हुई थी .. वहीं शोपियां में 48 फ़ीसद, कुलगाम में 59 फ़ीसद, अनंतनाग में 60 फ़ीसद, किश्तवाड़ 76 फ़ीसद, डोडा में 73 फ़ीसद, रामबन में 73 फ़ीसद वोटिंग हुई थी ..

 पार्टी कार्यकर्ताओं में झड़प का मामला आया सामने

वहीं जम्मू कश्मीर असेंबली इलेक्शन के बीच कुछ जगहों पर झड़प की भी ख़बरे सामने आई. किश्तवाड़ असेंबली हल्के से बीजेपी उम्मीदवार शगुन परिहार ने पीडीपी और एनसी कार्यकर्ताओं पर वोटिंग प्रक्रिया में बाधा डालने और उनके साथ बदसुलूकी का इल्जाम लगाया है. इस दौरान थोड़ी देर के लिए माहौल कशीदा हो गया. बीजेपी समर्थकों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन भी किया. उधर पुलवामा में नेशनल कान्फ्रेंस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच भी झड़प की ख़बर सामने आई. इस दौरान भी थोड़ी देर के लिए माहौल तनावपूर्ण रहा.
माइग्रेंट कश्मीरियों के लिए वोटिंग के खास इंतेजाम

वादी में लोकतंत्र के त्योहार में सेक्योरिटी का पहरा भी भारी रहा, जमीन पर सेक्योरिटी दस्तों की तैनाती रही तो आसमान से ड्रोन निगरानी रख रहा था ताकि नापाक ताकतें लोगों को उनके वोटिंग के हक से ना रोकें. माइग्रेंट कश्मीरियों के लिए वोटिंग का इंतज़ाम किया गया. जम्मू और उधमपुर में हाई सेक्योरिटी के बीच बड़ी तादाद में माइग्रेंट कश्मीरी पहुंच रहे हैं और अपने वोट का हक़ इस्तेमाल कर रहे हैं. इस मौक़े पर लोगों ने वोटिंग को लेकर ख़ुशी का इज़हार किया...


आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद वोट शेयर बढ़ा 

गौरतलब है कि आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद, जम्मू कश्मीर में पहली बार इलेक्शन हो रहे हैं. वोटिंग शेयर में इज़ाफ़ा घाटी की सियासत में बदलाव का इशारा भी हो सकता है, बदलाव की इसी बयार में कौन बाज़ी मारेगा ये तो 8 अक्टूबर को पता चलेगा. लेकिन हर पार्टी अपनी अपनी जीत के दावे कर रही है...

इस चौंकाने वाले आंकड़ें की उम्मीद वादी में पहले नामुमकिन मानी जाती थी. जिस वादी में इलेक्शन का बायकॉट होता था, वहां दोपहर होते-होते ही वोटिंग का आंकड़ा 40 फीसदी को पार कर गया. जम्मू कश्मीर में पहले फेज़ की वोटिंग तो पूरी हो गई है. अभी दो फेज़ की वोटिंग बाकी है. उम्मीद जताई जा रही है कि बाकी दो चरण पहले मरहले की वोटिंग का भी रिकॉर्ड तोड़ेंगे, जिसके बाद 8 अक्टूबर को पता चलेगा कि जम्मू-कश्मीर की आवाम ने किस पर भरोसा किया है...

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