Coal Labour Protest : राजौरी में भूख हड़ताल पर बैठे कोयला खदान मजदूर !

labour Protest : अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे इन मजदूरों ने खदानों के अंदर ही अपना धरना शुरू कर दिया है. बीते सोमवार को शुरू हुआ यह धरना, मंगलवार और बुधवार को भी जारी रहा. इस दौरान इलाके में अफरा-तफरी का माहौल रहा. वहीं, मजदूरों ने इस आंदोलन को 'करो या मरो' की स्थिति बताया है.

Coal Labour Protest : राजौरी में भूख हड़ताल पर बैठे कोयला खदान मजदूर !
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Jammu and Kashmir : राजौरी जिले की दो कोयला खदानों में काम करने वाले सैकड़ों कोयला खदान मजदूर सरकार के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे हैं. उनके मुताबिक सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करने और उनकी मांगों को पूरा करने में विफल रही है.

बता दें कि अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे इन मजदूरों ने खदानों के अंदर ही अपना धरना शुरू कर दिया है. बीते सोमवार को शुरू हुआ यह धरना, मंगलवार और बुधवार को भी जारी रहा. इस दौरान इलाके में अफरा-तफरी का माहौल रहा. वहीं, मजदूरों ने इस आंदोलन को 'करो या मरो' की स्थिति बताया है.

खदान में काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि कोयला खदानों में काम करने वाले मजदूर किसी सैनिक से कम नहीं हैं. वे रोजाना धरती के अंदर कई किलोमीटर तक जाकर कोयला इकट्ठा करते हैं और सरकार इस कोयले का इस्तेमाल अलग-अलग क्षेत्रों में करती है. उन्होंने कहा कि इतनी मेहनत के बाद भी मजदूरों की मांगों को सुनने वाला कोई नहीं है.

इलाके के सामाजिक कार्यकर्ता पंकज दत्त मजदूरों की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहते हैं कि उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाता है. साथ ही, मज़ूदरों को किए वादों के बावजूद उनका नियमितीकरण नहीं किया गया है. 

पंकज दत्त ने आगे कहा कि कोयला मजदूरों को न तो बुनियादी सुविधाएं दी जा रही हैं और न ही उनकी मांगें पूरी की जा रही हैं. यह देखना और भी दुखद है कि मजदूरों द्वारा अधिकारियों के साथ मीटिंग के लिए संपर्क करने की कोशिश के बावजूद संबंधित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी श्रमिकों से मिलने की जहमत तक नहीं उठाते.

उन्होंने कहा, " मजदूर खदानों के अंदर विरोध कर रहे हैं और हम हर संभव तरीके से उनका समर्थन करने की कसम खाते हैं. अगर सरकार अपना उदासीन रवैया जारी रखती है तो हम आने वाले दिनों में खदानों के अंदर उनकी भूख हड़ताल में भी शामिल होने के लिए तैयार हैं."

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