Dying Handicraft : पारंपरिक 'शूप' की डिमांड में क्यों आई कमी ? विनोवर मेकर्स का भविष्य खतरे में...
Traditional Shoopat : कश्मीर में ट्रेडिशनल 'शूप' की मांग में कमी ने विनोविंग मैन्युफैक्चरर की परेशानियों को बढ़ा दिया है. कुपवाड़ा में क्रालगुंड इलाके के रहने मोहम्मद सादिक शेख के मुताबिक वो पिछले 5 दशक से शूप बनाने का काम कर रहे हैं लेकिन पिछले कुछ वक्त में जिस तरह से 'शूप' खरीददारों में कमी आई है वो बेहद चिंताजनक बात है.
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Jammu and Kashmir : कश्मीर में ट्रेडिशनल 'शूप' की मांग में कमी ने विनोविंग मैन्युफैक्चरर की परेशानियों को बढ़ा दिया है. कुपवाड़ा में क्रालगुंड इलाके के रहने मोहम्मद सादिक शेख के मुताबिक वो पिछले 5 दशक से शूप बनाने का काम कर रहे हैं लेकिन पिछले कुछ वक्त में जिस तरह से 'शूप' खरीददारों में कमी आई है वो बेहद चिंताजनक बात है.
सादिक शेख ने बताया कि, पहले शूप की बहुत मांग थी. इसका इस्तेमाल अनाज और चावल साफ करने में होता था लेकिन नई टेक्नोलॉजी की वजह से इसका इस्तेमाल लगातार घट रहा है. जिससे उन्हें सालभर 'शूपट बेचने में काफी दिक्कतें पेश आती है.
सादिक की माने तो उन्होंने इस काम में अपनी पूरी ज़िंदगी बिता दी है लेकिन, सरकार ने हमेशा इस क्राफ्ट की अनदेखी की. सरकार की तरफ से कोई मदद या लोन नहीं मिलने से भी इस क्राफ्ट को आगे बढ़ाने में दिक्कतें पेश आ रही हैं.
ऐसे में उन्होंने अपील की है कि सरकार इस क्राफ्ट पर भी और दूसरे क्रॉफ्ट्स की तरह ध्यान दें ताकि मार्केट में विनोवर की डिमांड बनी रही और उनकी ज़िंदगी बेहतर हो सके..