Baramulla Lok Sabha : बारामूला लोकसभा के मतदाता किसके हक में करेंगे फैसला ? खास रिपोर्ट !

Lok Sabha Elections 2024 : बारामूला लोकसभा सीट, इतनी अहम क्यों है ? क्यों इस सीट पर सभी उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है ? और अमित शाह का कश्मीर दौरा क्यों मायने रख्ता है ? यह समझना बेहद ज़रुरी है... एक तरफ सज्जाद ग़नी लोन , Er Rashid और उमर अब्दुल्ला यहां से उम्मीदवार हैं और इनके लिये यह सीट आने वाले कल की चाबी हो सकती है. वहीं, दूसरी तरफ यह मुक़ाबला काफी दिलचस्प होता जा रहा है. जिसमे अंदेशा भी है और उम्मिद भी...

Baramulla Lok Sabha : बारामूला लोकसभा के मतदाता किसके हक में करेंगे फैसला ? खास रिपोर्ट !
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Jammu and Kashmir : बारामूला लोकसभा सीट पर वोटिंग में अब महज दो दिन रह गए हैं. शनिवार यानी आज शाम से चुनाव प्रचार थम जाएगा. आखिरी वक्त में सभी उम्मीदवारों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. 
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए ये सीट नाक (प्रेस्टिज) का सवाल बन गई है. गौरतलब है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला खुद यहां से उम्मीदवार हैं. ऐसे में, गृह मंत्री अमित शाह के दौरे ने घाटी के सियासी माहौल को और भी गर्मा दिया है. 

बता दें कि उमर अब्दुल्ला और PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, दोनों ने ही अमित शाह के दौरे को लेकर सवाल उठाया. दोनों नेताओं ने तो इस बात का अंदेशा तक जाहिर कर दिया कि अगल दो चरणों में वोटिंग को प्रभावित करने की कोशिश की जाएगी. 

जिसके बाद, भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बतौर गृह मंत्री अमित शाह मुल्क में कहीं भी और कभी भी आ-जा सकते हैं. श्रीनगर में BJP के जिलाध्यक्ष ने कहा कि गृहमंत्री किसी सियासी दौरे पर नहीं था. साथ ही, उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी पर पलटवार करते हुए कहा कि खुद को हारता देख दोनों ही पार्टियों के नेता इस तरह की बात कर रहे हैं. 

आपको बता दें कि बारामूला सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन से कांटे की टक्कर मिल सकती है. दोनों के बीच कड़े मुकाबले की संभावना है. गौरतलब है कि सज्जाद गनी लोन को जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी का भी समर्थन हासिल है. दोनों पार्टियां मिल कर रैलियां कर रही हैं. अपनी पार्टी की आला कमान भी इन चुनाव प्रचार में शामिल हो रही है. यही वजह है कि सज्जाद लोन की दावेदारी मजबूत होती जा रही है.   

बारामूला लोकसभा के चुनावी इतिहास की बात करें तो साल 2019 के इलेक्शन में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को यहां 22.65 फीसद वोट मिले थे. जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 14.82 वोट मिले थे. 

इसके अलावा, PDP विरोधी दल भी सज्जाद गनी लोन के साथ हैं. साथ ही, बीजेपी ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों को सज्जाद गनी लोन के समर्थन का इशारा दे दिया है. 

वहीं, अवामी इत्तेहाद पार्टी के शेख रशीद के मैदान में आने से मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है. जेल से इलेक्शन लड़ रहे इंजीनियर रशीद, उमर अब्दुल्ला और सज्जाद गनी दोनों के लिए खतरा हो सकते हैं. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक हजार वोट के फर्क से वो तीसरे नंबर पर खिसक गए थे. साल 2019 में उन्हें कुल 22 फीसद वोट मिले थे. जोकि इस इलेक्शन में PDP और कांग्रेस को मिलने वाले वोट से भी ज्यादा थे. साथ ही, कार्यकर्ताओं के दबाव के बाद गुलाम नबी आजाद की DPAP की आला कमान ने उन्हें समर्थन देने का फैसला किया है. 

बता दें कि बारामूला लोकसभा सीट पर, इन तीनों नेताओं के अलावा 19 अन्य उम्मीदवार भी मैदान में हैं. अब देखना है कि 20 मई को यहां के वोटर्स किसके हक में फैसला करते हैं...

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