Lok Sabha Elections : जम्मू कश्मीर के सबसे बड़े लोकसभा हल्के में कल होगा मतदान, ये है पूरा समीकरण !
Anantnag-Rajouri Lok Sabha : अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट के वजूद में आने से पीर पंजाल की पहाड़ी श्रंखला के दोनों तरफ रहने वाले लोग, अब सियासी लिहाज़ से काफी अहम हो गए है. परिसीमन से इलाके का नक्शा ही बदल गया है. जिससे लोकसभा सीट पर होने वाला मुकबाला भी दिलचस्प हो ने वाला है.
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Jammu and Kashmir : परिसीमन के बाद अनंतनाग लोकसभा सीट, अब अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट हो गई है. नई हल्काबंदी से इसमें राजौरी और पुंछ जिले को शामिल कर लिया गया है.
बता दें कि अनंतनाग-राजौरी लोकसभा क्षेत्र जम्मू कश्मीर का सबसे बड़ा लोकसभा हल्का है. जिसमें, अनंतनाग की सात, कुलगाम की तीन, राजौरी की चार, पुंछ की तीन और शोपियां की जैनपोरा विधानसभा शामिल हैं.
गौरतलब है कि साल 2019 में ये लोकसभा हल्का साउथ कश्मीर के चारों जिलों अनंतनाग, कुलगाम, शोपियां और पुलवामा से मिलकर बना था. हालांकि, इस बार हुए परिसीमन के बाद, शोपियां और पुलवामा की तीनों विधानसभा सीटों को अनंतनाग लोकसभा से निकालकर, श्रीनगर लोकसभा हल्के में मिला दिया गया.
आपको बता दें कि अनंतनाग लोकसभा हल्के में कुल 18,30,294 मतदाता हैं, जिसमें 9,30,379 पुरुष और 8,99,888 महिला वोटर्स हैं. परिसीमन के बाद इस सीट के डेमोग्रॉफी पूरी तरह बदल चुकी है. जहां, परिसीमन से पहले ये मुस्लिम बहूलता वाली सीट थी, लेकिन राजौरी पुंछ के शामिल होने के बाद इसमें पहाड़ी, गुज्जर और हिंदू वोटर्स की तादाद भी बढ़ गई है.
वहीं, इस बार अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट पर दिलचस्प और कांटे का मुकाबला है. PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती के मैदान में होने की वजह से ये सीट काफी अहम हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री, यहां अपना सियासी वजूद बचाने की जंग लड़ रही है.
पार्टी के कई सीनियर आज पार्टी से अलग हो गए हैं. किसी ने नई पार्टी बना ली, तो कोई विरोधी पार्टियों का समर्थक हो गया. PDP प्रमुख, महबूबा मुफ्ती अनंतनाग से दो बार सांसद बन चुकी हैं. वे अब अपनी तीसरी पारी का इंतेजार कर रही हैं. गौरतलब है कि BJP ने यहां अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. लेकिन, पीडीपी अध्यक्ष अपनी जनसभाओं और इंटरव्यूज में केंद्र सरकार और BJP को लगातार निशाना बनाए हुए हैं. उनका दावा है कि बीजेपी उनसे खौफज़दा है.
इसके अलावा, नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इस सीट पर मियां मोहम्मद अल्ताफ को मैदान में उतारा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस इस वक्त अपना वर्चस्व बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं. यहां से नेशनल कॉन्फ्रेंस कई बार जीत हासिल कर चुकी है. बता दें कि इस बार के लोकसभा चुनाव में अनंतनाग-राजौरी सीट, नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच नाराजगी का कारण रही है. जिस वजह से इंडिया गठबंधन का सपना हकीकत नहीं बन पाया. इसकी तल्खी यहां सबसे ज्यादा महसूस की जा रही है.
गौरतलब है कि उमर अब्दुल्ला भी अपने हर भाषण में बीजेपी और PDP के साथ-साथ जेके अपनी पार्टी और DPAP पर लगातार हमले कर रहे हैं. पब्लिक रैलियों में वो अवाम को पर्दे के पीछे चलने वाली सियासत समझा रहे हैं.
इसके अलावा, एक वक्त पर PDP के साथ रहे अल्ताफ बुखारी आज महबूबा और उमर अब्दुल्ला दोनों के सबसे बड़े सियासी दुश्मन है. अपनी पार्टी के चीफ अल्ताफ बुखारी, जम्मू कश्मीर को नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP से आज़ादी का नारा देकर, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी का सियासी बेस मजबूत करने में जुटे हैं. अपनी पार्टी की पूरी चुनावी मुहिम इसी के इर्द गिर्द घूम रही है. अल्ताफ बुखारी का कहना कि घाटी के मौजूदा हालात के लिए परिवारवाद की राजनीति ही जिम्मेदार है.
परिसीमन के बाद वजूद में आई अनंतनाग-रौजारी लोकसभा सीट का चुनाव काफी दिलचस्प हो गया है. बीजेपी के मैदान में न होने से जेके अपनी पार्टी और DPAP, भाजपा कार्यकर्ताओं, समर्थकों और नेशनल कॉन्फ्रेंस तथा PDP से नाराज वोटर्स को अपनी तरफ लाने की कोशिश कर रहे हैं. बता दें कि इन वोटर्स की तादाद तीन से साढ़े तीन लाख के आसपास हैं. जो चुनावी नतीजों को प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं. अब देखना है कि 4 जून को किसकी किस्मत चमकती है.
गौरतलब है कि अनंनताग-राजौरी लोकसभा सीट पर 7 मई को चुनाव होने थे. लेकिन खराब मौसम के चलते, चुनाव प्रचार में उम्मीदवारों को हुई दिक्कतों को देखते हुए चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख को आगे बढ़ा दिया. अब इस सीट पर 25 मई यानी कल वोट डाले जाएंगे.