Mashroom Production: मशरूम से 'मोटा' मुनाफा उगा रहे हैं छोटे किसान, कितना कमा लेते हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आए आंकड़ों पर अगर गौर फरमाया जााए तो पिछले काफी टाइम में मशरूम खाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई ऐसे में इसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है. दरअसल स्कास्ट जम्मू की तरफ से फार्मर फर्स्ट के तहत साल 2017 से किसानों को मशरूम की खेती के लिए अवगत कराया गया. ऐसे में मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के सहयोग से प्रदेश के छोटे छोटे किसान भी इसके उत्पादन में आगे आए हैं और खूब मुनाफा उठा रहे हैं.
Latest Photos
Jammu Kashmir: जम्मू कश्मीर में मशरूम की खेती से छोटे किसान अच्छा मुनाफा करने लगे हैं. अक्सर ऐसी बातें सुनने और पढ़ने में आती है कि आजकल खेती से किसानों की कुछ खास कमाई नही है लेकिन जम्मू में इस वक्त मशरूम की खेती से किसान मोटा मुनाफा कमा रहें हैं. जीहां, एक तरफ मशरूम जहां आम लोगों की सेहत के लिए फायदेमंद हैं. वहीं, किसान को भी मशरूम फायदा दे रही है.
मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से सामने आए आंकड़ों पर अगर गौर फरमाया जााए तो पिछले काफी टाइम में मशरूम खाने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई ऐसे में इसका सीधा फायदा किसानों को मिल रहा है. दरअसल स्कास्ट जम्मू की तरफ से फार्मर फर्स्ट के तहत साल 2017 से किसानों को मशरूम की खेती के लिए अवगत कराया गया. ऐसे में मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र के सहयोग से प्रदेश के छोटे छोटे किसान भी इसके उत्पादन में आगे आए हैं और खूब मुनाफा उठा रहे हैं.
इसको आसान शब्दों में समझते हैं कि अगर कोई किसान 10 बाई 10 के कमरे में मशरूम के 200 से 250 मॉडल बनाता है तो हर महीने उसे 40 से 50 हज़ार की कमाई जरुर होगी. जोकि एक बेहद अच्छी कमाई है
यही नहीं, मशरूम उगाने वाले किसानों को स्कास्ट की तरफ से न सिर्फ कंपोस्ट के बैग मिल रहे हैं बल्कि मशरूम की पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उन्हें वैज्ञानिक तरीके से तकनीकी जानकारी भी महैया कराई जा रहीहै
अधिकारियों का कहना है कि मशरूम की डिमांड मार्केटों में बढ़ती जा रही है. खासकर सर्दी के मौसम में, लोग इसे बड़े स्वाद लेकर खाते हैं. ऐसे में ओटे छोटे किसान भी अब मशरूम के उत्पादन के लिए आगे आ रहे हैं. और अगर मशरूम की खेती का ये सिलसिला अगर यूं ही चलता रहेगा तो आम लोगों के जायके के साथ छोटे छोटे की किस्मत भी मशरूम बदल देगी.