2023 Rajouri attack: NIA ने पांच में से तीन पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ की चार्जशीट दायर

NIA files chargesheet: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्कों को जड़ से खत्म करने और उनके खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसके चलते सोमवार को NIA ने 2023 के जनवरी महीने में हुए राजौरी हमले के संबंध में पाकिस्तानी नागरिकों समेत पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.

2023 Rajouri attack: NIA ने पांच में से तीन पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ की चार्जशीट दायर
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NIA files chargesheet: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जम्मू और कश्मीर में आतंकवादी नेटवर्कों को जड़ से खत्म करने और उनके खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसके चलते सोमवार को NIA ने 2023 के जनवरी महीने में हुए  राजौरी हमले के संबंध में पाकिस्तानी नागरिकों समेत पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की.

क्या था मामला?
यह घटना, मामला संख्या ARSI-01 और 02/2023/NIA/JMU के रूप में पंजीकृत है, जनवरी 1, 2023 को राजौरी जिले के ढांगरी गांव में नागरिकों पर एक आतंकवादी हमले के संबंध में है, जिसके बाद अगले दिन एक आईईडी विस्फोट हुआ जिसमे दो बच्चों समेत सात निर्दोष लोग मारे गए और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए.

अब क्या एक्शन हुआ?
चार्जशीट में तीन व्यक्तियों का नाम लिया गया है जो लश्कर-ए-तैयबा संगठन के अधिकारी हैं, जिनकी पहचान सैफुल्ला उर्फ साजिद जट्ट उर्फ अली उर्फ हबीबुल्लाह उर्फ नुमान उर्फ लंगडा उर्फ नौमी, मोहम्मद कासिम और अबू काताल उर्फ काताल सिंधी के रूप में है.जबकि अबू क़ताल और सजीत जट पाकिस्तानी नागरिक हैं, कासिम 2002 के आसपास पाकिस्तान में घुसपैठ कर गया था और वहां लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी रैंक में शामिल हो गया था.

आपको बता दें जांच के अनुसार, तीनों ने निर्दोष नागरिकों, विशेष रूप से जम्मू और कश्मीर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों, साथ ही सुरक्षा कर्मियों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान से लश्कर आतंकवादियों की भर्ती और प्रेषण की योजना बनाई थी. बयान में यह भी कहा गया कि हमले इन पाकिस्तान स्थित आकाओं के निर्देशों के तहत किए गए थे.

आज दायर की गई चार्जशीट में, गिरफ्तार किए गए दो वयस्क आरोपियों और पाक स्थित हैंडलर्स पर यूए (पी) अधिनियम और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. 

अब कहां है ये सभी आरोपी?
वर्तमान में सैफुल्ला उर्फ साजिद जट्ट उच्च पदस्थ लश्कर कमांडर है और अन्य दो के साथ मिलकर पाकिस्तान की ओर से समग्र साजिश रचने के लिए जिम्मेदार था. मोहम्मद कासिम वर्तमान में उच्च पदस्थ लश्कर कमांडरों का दाहिना हाथ है. अबू क़ताल 2002-03 में भारत आया था और अन्य आतंकवादियों के साथ पुंछ-राजौरी रेंज में सक्रिय था.अन्य दो आरोपी निसार अहमद उर्फ हाजी निसार और मुश्ताक हुसैन उर्फ चाचा हैं, दोनों लश्कर के ओवरग्राउंड वर्कर (ओजीडब्ल्यू) हैं और मोहरा, गुरसाई, तहसील मेंढर, जिला पुंछ के निवासी हैं. दोनों को एनआईए द्वारा जांच के दौरान गिरफ्तार कर लिया गया था.

जांच के दौरान यह भी  पाया गया था कि अबू क़ताल के निर्देश अनुसार ही  आतंकवादियों को सहायता प्रदान की गई थी. इस मामले में एक किशोर की गिरफ़्तारी भी की गई थी, जिसे अपराधियों की सहायता करने और बढ़ावा देने के लिए भी पकड़ा गया था. पुलिस के मुताबिक उस किशोर ने  ढांगरी में हमले के बाद लगभग तीन महीने तक आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और अन्य प्रकार की रसद सहायता प्रदान की थी. बयान में आगे यह भी कहा गया था  कि उन्होंने पाकिस्तान स्थित लश्कर कमांडरों के साथ गुप्त संचार के लिए इस्तेमाल किए गए मोबाइल फोन को नष्ट करके सबूत छिपाने का भी प्रयास किया था.

निसार को पाकिस्तान स्थित आकाओं द्वारा आतंकवादियों के लिए भेजे गए हथियारों, गोला-बारूद और नकदी की खेप भी मिली थी. जांच से यह भी पता चला है कि निसार भारत में रहने के दौरान अबू क़ताल के संपर्क में आया था.पाकिस्तान लौटने के बाद भी वह अबू क़ताल के संपर्क में रहा.

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