Omar Abdullah : पीडीपी सरंक्षक दिवंगत मुफ्ती सईद पर ये क्या बोल गए उमर अब्दुल्ला; 'कश्मीर पंडितों के पलायन की साज़िश' ?

Omar Abdullah on Mufti Mohammab Sayeed : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने  इशारों-इशारों में पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि जब कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ तो उस वक्त मुफ्ती भारत के गृह मंत्री थे.

Omar Abdullah : पीडीपी सरंक्षक दिवंगत मुफ्ती सईद पर ये क्या बोल गए उमर अब्दुल्ला; 'कश्मीर पंडितों के पलायन की साज़िश' ?
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जम्मू Omar Abdullah : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने  इशारों-इशारों में पीडीपी संरक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद पर कटाक्ष किया है. उन्होंने कहा कि जब कश्मीर से कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हुआ तो उस वक्त मुफ्ती भारत के गृह मंत्री थे.

उमर ने बयान वरिष्ट पत्रकार वीर सांगवी के साथ एक इंटरव्यू के दौरान दिया है. इंटरव्यू में बोलेत हुए उमर ने साफ किया कि कश्मीरी पंडितों के पलायन में उनके पिता डॉ. फारुक अब्दुल्ला का कोई हाथ नही था. इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर ज़ोर भी दिया जब कश्मीरी पंडित कश्मीर छोड़कर चले गए थे उस वक्त उनके पिता पहले पद छोड़ चुके थे. 

उमर ने कहा, 'अगर आप क्रोनोलॉजी पर गौर करें तो कश्मीरी पंडितों ने जनवरी 1990 के बाद कश्मीर छोड़ना शुरू किया था. उस वक्त तक मेरे पिता (Farooq Abdullah) पहले ही पद छोड़ चुके थे. उस वक्त जगमोहन राज्यपाल थे, मुफ़्ती मोहम्मद सईद भारत के गृह मंत्री थे और वीपी सिंह प्रधानमंत्री थे.ये असुविधाजनक तथ्य है लेकिन बिलकुल सच है.'

आगे इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि, 'कश्मीरी पंडितों ने धारा 370 की वजह से कश्मीर नहीं छोड़ा था. अगर वो धारा 370 की वजह से गए होते तो 5 अगस्त 2019 को वापस आ गए होते. कश्मीरी पंडित इसलिए चले गए क्योंकि उनसे सुरक्षा की भावना छीन ली गई थी. और जब तक उनमें सुरक्षा की भावना वापस नहीं आ जाती, वो वापस नहीं आएंगे.'

उधर, उमर ने  वर्तमान सरकार की आलोचना भी की है. सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, 'इस सरकार ने कश्मीरी पंडितों में सुरक्षा की भावना बहाल नहीं की है. बल्कि 5 या 10 साल पहले की तुलना में आज ज्यादातर कश्मीरी पंडित कश्मीर छोड़ना चाहते हैं. इसके अलावा, उन्होंने कहा, पिछली सरकार की तुलना में मौजूदा सरकार के तहत टारगेट किलिंग के तहत ज्यादा कश्मीरी पंडित मारे गए.'

यही नहीं, अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बारे में भी उमर ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि '4 अगस्त, 2019 की देर रात तक उन्हें इसके बारे में कोई जानकारी नही थी.' 

अब जहां तक बात है पीडीपी सरंक्षक मुफ्ती मोहम्मद सईद पर उमर के कटाक्ष की तो आपको बता दें कि, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गहरी सियासी दुश्मनी मुफ्ती सईद और फारुक अब्दुल्ला के ज़माने से चली आ रही है. सईद ने हमेशा खुद को एनसी के खिलाफ विकल्प के तौर पर खुद को सामने रखा है. लेकिन पिछले काफी दिनों से पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच सौहार्द की अटकलें लगाई जा रही थी. लेकिन अब जिस तरह से एनसी उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पीडीपी संस्थापक मुफ्ती मुहम्मद सईद पर परोक्ष रूप से कटाक्ष किया है उसने ऐसे तमाम दावों और अटकलों पर एक बार फिर विराम चिन्ह लगा दिया है. 
 

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