महबूबा ने कहा था, कश्मीर में नहीं मिलेगा कोई तिरंगा उठाने वाला, आज घर -घर में लहराया जा रहा तिरंगा

कभी घाटी में तिरंगा लहराना सरकार के लिए एक चुनौती बनी हुई थी. वहीं आज जम्मू-कश्मीर की ही महिलाएं तिरंगे सिल रही हैं. महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि घाटी में कोई भी तिरंगा उठाने वाला नहीं रहेगा अगर घाटी से धारा 370 और 35A को हटा दिया जाएगा. लेकिन अब बदलती घाटी की तस्वीर ही कुछ और है.

महबूबा ने कहा था, कश्मीर में नहीं मिलेगा कोई तिरंगा उठाने वाला, आज घर -घर में लहराया जा रहा तिरंगा
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Azadi ka Amrit Mahotsav: 'हर घर तिरंगा' (Har Ghar Tiranga) अभियान के तहत लाखों लोगों को रोज़गार मिला है. ये मुहिम कई लोगों की रोज़ी-रोटी का ज़रिया बनी है. हर घर तिरंगा अभियान से कई ऐसे लोगों को ऑर्डर मिल रहे हैं जो सिलाई करना जानते हैं ख़ासकर महिलाएं इससे ज़्यादा मुनाफा कमा रही हैं. ये अभियान भारत के कोने-कोने में फैल चुका है. ये मुहिम यूपी, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ समेत केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में भी नज़र आ रही है. 

महबूबा के बोल हुए ग़लत साबित
ग़ौरतलब है कि जहां एक तरफ घाटी में तिरंगा लहराना सरकार के लिए एक चुनौती बनी हुई थी. वहीं दूसरी ओर जम्मू-कश्मीर की महिलाएं तिरंगे सिल रही हैं. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि घाटी में कोई भी तिरंगा उठाने वाला नहीं रहेगा अगर घाटी से धारा 370 और 35A हटा दिया जाएगा. लेकिन अब बदलती घाटी की तस्वीर ही कुछ और है. जम्मू कश्मीर में भी हर घर तिरंगा मुहिम को कामयाब बनाने के लिए सरकार इसपर काम कर रही है. कई सारी महिलाओं  के लिए यह मुहिम रोज़गार के कई साधन भी पैदा कर रही है.  श्रीनगर की रहने वालीं नुसरत और उनके साथ काम करने वालीं कई औरतें इन दिनों तिरंगा बनाने में मसरूफ हैं. नुसरत कहती हैं कि उन्हें 35000 रुपये की राशि तिरंगे बनवाने के लिए मिली है जिससे वे संतुष्ट हैं. "हर घर तिरंगा" अभियान के तहत देश भर में झंडे बनाए जा रहे हैं, लेकिन इन महिलाओं द्वारा बनाए गए झंडे सबसे अलग हैं.  इनके झंडों पर की गई कारीगरी इन्हें बाकियों से अलग दिखाती है. इसी वजह से इन झंडों की मांग बढ़ गई है. श्रीनगर के खोनमोह इलाके में भी सुरैया को तिरंगे बनाने के ऑर्डर मिले हैं. इनके साथ कई सारी महिलाएं तिरंगे बनाने में जुटी हुई हैं. सुरैया का कहना है कि हमारा काम अच्छा चल रहा है और दूसरी महिलाओं को भी इससे रोज़गार मिल रहा है. 

'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत झंडा सिलती कश्मीरी महिला

भाजपा कार्यालय बना डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर
श्रीनगर में भाजपा के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर का कहना है कि भाजपा कार्यालय को डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर बनाया गया है. जहां से सभी ज़िलों में इन महिलाओं के द्वारा तैयार किए गए झंडे भेजे जा रहे हैं. अल्ताफ कहते है  कि मुहिम को कामयाब बनाने के लिए 2000 झंडे रोज़ बांटे जा रहे हैं.

क्या है हर घर तिरंगा अभियान का मक़सद?
आज़ादी के अमृत महोत्सव अभियान के तहत ये मुहिम शुरू की गई है. 22 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के लोगों से अपने घर पर तिरंगा फहराने की अपील की थी. प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया कि यह मुहिम तिरंगे के साथ हमारे जुड़ाव को मज़बूत करेगी. उन्होंने ज़िक्र किया कि 22 जुलाई, 1947 को ही तिरंगे को राष्ट्रध्वज के तौर पर अपनाया गया था. उन्होंने लिखा, 'इस साल, जब हम 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' मना रहे हैं, तो आइए 'हर घर तिरंगा' आंदोलन को मज़बूत करें. 13 अगस्त से 15 अगस्त के बीच अपने घरों में तिरंगा फहराएं.

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