जम्मू कश्मीर को मिलेगा नया हाईकोर्ट, सौ एकड़ में तैयार होगा भूकंपरोधी परिसर, चीफ जस्टिस ने रखी नये भवन की नींव
कानून को मजबूती देने के लिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख कोर्ट को जल्द ही नयी बिल्डिंग मिलने जा रही है। जम्मू विंग के नए भवन को बनाने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इण्डिया डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने कन्वेंशन सेंटर जम्मू से इस प्रोजेक्ट का ई शिलान्यास किया। इस मौके पर उनके साथ एल जी मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। सिद्दड़ा के रैका में 100 एकड़ भूमि पर ये नया परिसर बनाया जाएगा, इसकी सबसे बड़ी खासियत ये होगी की ये भूकंपरोधी होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। नये कोर्ट परिसर में कुल 34 कोर्ट रूम बनाये जायेंगे।
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जम्मू और कश्मीर : किसी भी देश के विकास की नींव तब मजबूत होती है जब वहां की कानून व्यवस्था दूरूस्त होती है। हर देश में कानून लागू होने से नागरिकों में भयमुक्त वातावरण का विकास होता है और इसके उलट अपराधियों और असमाजिक तत्वों में कानून का डर स्थापित होता है। कानून को मजबूती देने के लिए जम्मू कश्मीर और लद्दाख कोर्ट को जल्द ही नयी बिल्डिंग मिलने जा रही है। जम्मू विंग के नए भवन को बनाने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इण्डिया डॉ. डीवाई चंद्रचूड़ ने कन्वेंशन सेंटर जम्मू से इस प्रोजेक्ट का ई शिलान्यास किया।
इस मौके पर उनके साथ एल जी मनोज सिन्हा भी मौजूद थे। सिद्दड़ा के रैका में 100 एकड़ भूमि पर ये नया परिसर बनाया जाएगा, इसकी सबसे बड़ी खासियत ये होगी की ये भूकंपरोधी होगा। इस पूरे प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। नये कोर्ट परिसर में कुल 34 कोर्ट रूम बनाये जायेंगे।
शहर की ऐतिहासिक मुबारक मंडी, अमर महल और बाग-ए बाहु की झलक भी इस परिसर में दिखेगी। क्योंकि इसका डिजाइन इन तीनों को ध्यान में रखकर किया गया है। ये परिसर दो चरणों में बनकर तैयार होगा। पहले चरण में 938 करोड़ रुपये अनुमानित खर्च आएगा। सरकार का इस ओर विशेष ध्यान है कि इसे जल्द से जल्द तैयार कर लिया जाए ताकि लोगों की बेहतरी और उन्हें न्याय दिलाने में तेजी आ सके।
जम्मू कश्मीर और लद्दाख का ये नया अदालत परिसर देश के सर्वश्रेष्ठ उच्च न्यायालयों में से एक होगा, इसकी इमारत बनने के बाद हर ओर चर्चा विषय जरूर बनेगी। इसकी भव्यता देखने लायक होगी और इसमें 34 कोर्ट रूम होंगे, जिसे बाद में 70 कोर्ट रूम तक बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि इसे प्रसिद्ध वास्तुकार गुनीत सिंह चौहान ने डिजाइन किया है।
चौहान ने बताया कि यह भवन तीन सभागार, एक प्रशासनिक ब्लॉक, एक मध्यस्थता केंद्र, एक चिकित्सा केंद्र, एक कंप्यूटर केंद्र, एक न्यायाधीशों का पुस्तकालय, एक हजार वकीलों के लिए कक्ष, न्यायिक अकादमी, सम्मेलन सुविधाएं, एक हेलीपैड, एक फायर स्टेशन, एक परिवहन सुविधा केंद्र आदि से सुसज्जित होगा।
इसके अलावा जजों और वकीलों के लिए खेल, जिम और योग केंद्र की सुविधाएं भी होंगी। परियोजना को डेढ़ साल में पूरा करने का लक्ष्य है। शिलान्यास के बाद आयोजित कार्यक्रम में लद्दाख के एलजी ब्रिगेडियर डॉ. बीडी मिश्रा, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एन कोटीश्वर सिंह, न्यायाधीश पंकज मित्थल, किशन पाल कौल भी मुख्य रूप से मौजूद रहे।
इस मौके पर एल जी मनोज सिन्हा ने कहा कि कम्यूनिकेश टेकनोलॉजी के इस्तेमाल से जस्टिस डिलीवरी सिस्टम को सहज, सरल और अत्याधुनिक बनाने के जो प्रयास हुए है उनकी मैं प्रशंसा करता हूं। मुझे खुशी है कि आज जम्मू कश्मीर प्रशासन का हर कार्यालय पूरी तरह से टेकनोलॉजी पर आधारित है। देश में सबसे ज्यादा ई सर्विस अकेले जम्मू कश्मीर प्रशासन ने ही जनता के लिए उपलब्ध कराया है। ई सर्विस को हर दिन लाखों की संख्या में हिट्स मिल रहे हैं। नागरिक केन्द्रित प्रयास और इज ऑफ जस्टिस, डिजिटल सशक्तिकरण स्वाभाविक रूप से दिखाई दे रहा है।
एलजी ने कहा कि ये प्रयास इस बात का उद्धाहरण है कि टेकनोलॉजी अपनी क्षमता संसाधन और ऊर्जा का इस्तेमाल करके एक कल्याणकारी राज्य की परिकल्पना को साकार कर सकती है और लोगों के जीवन को आसान बना सकती है। देश के निती निर्माताओं ने संविधान के जरिए समाज के सभी वर्गों को न्याय समानता और स्वतंत्रता की गांरण्टी दी और ये सुनिश्चित किया सभी के हितों की रक्षा हो सके।
एलजी ने कहा कि न्याय दिलाने की प्रक्रिया में तेजी आये इसके लिए परिवर्तन के साथ ही भारत सरकार का न्याय विभाग और सर्वोच्च न्यायलय की समिती अपने भरपूर प्रयास में लगे हुए है। टेकनोलॉजी का इस्तेमाल करके न्याय प्रक्रिया को सरल बनाने का हमारा प्रयास जारी है।