Anantnag news:आतंकवाद के विरोध में एकजुट हुआ अनंतनाग समुदाय
अनंतनाग समुदाय के सभी क्षेत्रों के नागरिक आतंकवाद के खिलाफ एक शक्तिशाली विरोध प्रदर्शन में एक साथ आगे आए, उन्होंने डीसी कार्यालय से लाल चौक अनंतनाग तक मार्च निकाला, प्रदर्शन का उद्देश्य हाल ही में हुए आतंकवादी कृत्य की निंदा करना था.
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अनंतनाग में सभी समुदायों ने मिल कर आतंकवाद के खिलाफ आज विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में नागरिक, युवा, व्यापारी, नागरिक समाज के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल थे. इन लोगों ने हिंसा और आतंक के कृत्यों के खिलाफ एकजुट होने के अटूट संकल्प को प्रदर्शित किया. इसमें मौजूद सभी लोगों ने अपने हाथ में बैनर पकड़ा हुआ था. बैनर औऱ तख्तियों पर "आतंकवाद के खिलाफ एकजुट:अमृत और रोहित की याद में" और "एकता में ताकत, आतंक के खिलाफ अवज्ञा!" जैसे नारे लिखे हुए थे.
आतंकवादी हमें बांटना चाहते हैं.
मुदासिर डार, एक प्रतिष्ठित सामाजिक कार्यकर्ता इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे. डार ने आतंकवाद से निपटने और शांति को बढ़ावा देने में एकजुटता और सामूहिक कार्रवाई के महत्व पर जोर दिया. डार ने कहा, "आज हम उन आतंकी ताकतों के खिलाफ एक आवाज बनकर खड़े हैं जो हमें बांटना चाहती हैं।" "हमारी एकता और लचीलापन ऐसे जघन्य कृत्यों के खिलाफ हमारे सबसे मजबूत हथियार हैं. हम पीड़ितों के लिए न्याय की मांग करते हैं और संवेदनहीन हिंसा को समाप्त करने का आह्वान करते हैं".
स्थानीय समुदायों का मिला समर्थन
विरोध को स्थानीय समुदाय से व्यापक समर्थन मिला, निवासियों ने शांति, सहिष्णुता और समावेशिता के मूल्यों को बनाए रखने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त किया. जैसे ही जुलूस अनंतनाग की सड़कों से गुज़रा, शांति और न्याय की पुकार दोहराते हुए, दर्शक भी इसमें शामिल हो गए.प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए, अनंतनाग समुदाय ने एक बार फिर शांति और एकजुटता और आतंकवाद और हिंसा को समाप्त करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता का प्रदर्शन किया है. उनके इस विरोध से निश्चित ही आतंकवादियों को ये संदेश जरुर मिला होगा कि अब घाटी में आतंकवाद प्रबल नहीं हो पाएगा.
दो गैर स्थानियों की गोली मारकर हुई थी हत्या
गौरतलब है कि बुधवार को अमृतसर के रहने वाले अमृतपाल सिहं और रोहित की आतंवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इस घटना को अंजाम देने के लिए आतंकियों ने एके राइफल का इस्तेमाल किया था. लोगों में इस घटना के बाद आतंक के खिलाफ आक्रोश था