कश्मीर घाटी के तीन स्टूडेन्टस का हुआ जापान एशिया युथ एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए सिलेक्शन

कश्मीर घाटी के लिए बड़ी ही खुशी की ख़बर सामने आ रही है, दरसल कश्मीर के तीन छात्रों को साइंस में सकुरा एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत साइंस में प्रतिष्ठित जापान-एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए नोमिनेट किया गया है।

कश्मीर घाटी के तीन स्टूडेन्टस का हुआ जापान एशिया युथ एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए सिलेक्शन
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जम्मू और कश्मीर : कश्मीर घाटी के लिए बड़ी ही खुशी की ख़बर सामने आ रही है, दरसल कश्मीर के तीन छात्रों को साइंस में सकुरा एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत साइंस में प्रतिष्ठित जापान-एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए नोमिनेट किया गया है।


इस खबर के आते ही प्रदेश भर में खुशी की लहर है कि इन स्टूडेन्टस को वो मौका मिलने जा रहा है जिसके चलते उन्हें साइंस की दुनिया में बहुत कुछ पाने का मौका मिलने वाला है। ऐसे में दूसरे देशों में जाने के मौके के साथ ही दुसरे देशों के इन्टेलिजेन्ट स्टूडेन्टस के साथ उठना बैठना उनसे बहुत कुछ सीखना और उनके साथ अपनी संस्कृति को साझा करने का मौका इन स्टूडेन्टस को मिलने वाला है। इन तीनों स्टूडेन्टस  पर पूरे कश्मीर को नाज है। 


यूपीएस, माचीपोरा, कुपवाड़ा से दानिश जावेद, क्लास 8 के मेहविश रियाज, गवर्नमेंट हाई स्कूल अखरन कुलगाम से और बॉयज मिडिल स्कूल शीरी पायीन, बारामूला से शायदा बानो को इस स्पेशल प्रोग्राम के लिए चुना गया है। 


इन स्टूडेन्टस का नोमिनेशन उनकी बेहतरीन इनोवेशन का रिजल्ट है। वे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता (एसएलईपीसी) में अलग अलग न्यू प्रोजक्टस के जरिए से अपना स्थान हासिल करके देश भर के टॉप 60 उम्मीदवारों में शामिल हुए हैं। भारत सरकार का साइंस एण्ड टेकनॉलजी डिपार्टमेन्ट दिल्ली तक का खर्च उठायेगा, जबकि जापान में वहां का साइंस डिपार्टमेन्ट (जेएसडी) उनकी सभी वित्तीय जरूरतों का ख्याल रखेगा। 


जापान-एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम इन साइंस, विज्ञान में एसएकेयूआरए एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत संचालित एक प्रोग्राम है, जोकि जापान और अलग अलग एशियाई देशों के बीच एक सहयोगी प्रयास है। प्रोगाम साइंस एण्ड टैकनॉलजी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देता है। यह अलग-अलग देशों के युवाओं को बातचीत करने, सहयोग करने और एक-दूसरे की वैज्ञानिक प्रगति से सीखने, आपसी समझ को बढ़ावा देने और दोस्ती के बंधन बनाने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। 

राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी), जम्मू और कश्मीर के निदेशक प्रोफेसर परिखत सिंह मन्हास ने खुशी जाहिर करते हुए पिछले कई सालों की तुलना में इंस्पायर-अवार्ड्स स्टेन्डर्ड 2023-24 के लिए नोमिनेशन बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया है। 

इंस्पायर्ड रिसर्च के लिए साइंस परस्यूट इनोवेशन योजना, भारत सरकार के साइंस एण्ड टैकनॉलजी डिपार्टमेन्ट (डीएसटी) के मेन प्रोग्रामस में से एक है, जिसका मकसद 10-15 साल के आयु वर्ग के स्टूडेन्टस को प्रेरित करना और अध्ययन करना है।

इंस्पायर रिसर्च, कश्मीर प्रांत के नोडल अधिकारी डॉ सज्जाद अहमद मीर ने कहा, “विज्ञान में जापान-एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम के लिए इन कश्मीरी स्टूडेन्टस का नामिनेशन जम्मू और कश्मीर में मौजूद टैलेन्ट और कैपेबिलिटी को उजागर करता है। आगे वो बताते है कि कश्मीर में टैलेन्ट की कोई कमी नहीं है और सरकार का प्रयास है कि हर तरह की समस्याओं को दरकिनार करते हुए युथ को आगे आने के लिए हर मुमकिन मदद दी जाए ताकि वो देश का गौरव बनकर निरंतर आगे बढ़ते रहे। 
 

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