कश्मीर की क़ुरत-अल-ऐन पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप के लिए जाएंगी अमेरिका...

जम्मू-कश्मीर के स्टूडेंट्स विदेशों में आए दिन अपने देश का नाम रौशन कर रहे हैं। अपनी मेहनत और बेहतरीन काबीलियत के बदौलत वे दुनिया भर में भारत की शान बढ़ा रहे हैं उसमें चार चांद लगा रहे हैं। ऐसा ही भगवंत यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाली क़ुरत-अल-ऐन ने भी अमेरिका की एक बड़ी यूनिवर्सिटी में दाखिला हांसिल कर जम्मू-कश्मीर और पूरे भारत का नाम ऊंचा किया है

कश्मीर की क़ुरत-अल-ऐन पोस्ट डॉक्टोरल फेलोशिप के लिए जाएंगी अमेरिका...
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जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के स्टूडेंट्स विदेशों में आए दिन अपने देश का नाम रौशन कर रहे हैं। अपनी मेहनत और बेहतरीन काबीलियत के बदौलत वे दुनिया भर में भारत की शान बढ़ा रहे हैं उसमें चार चांद लगा रहे हैं। ऐसा ही भगवंत यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाली क़ुरत-अल-ऐन ने भी अमेरिका की एक बड़ी यूनिवर्सिटी में दाखिला हांसिल कर जम्मू-कश्मीर और पूरे भारत का नाम ऊंचा किया है। 

जम्मू-कश्मीर की क़ुरत-अल-ऐन को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया में मौजूद हैरिसबर्ग यूनिवर्सिटी में पोस्ट डॉक फेलो के तौर पर चुना गया है। इस ख़बर पर भगवंत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर ने भी अपनी ख़ुशी जाहिर की, उन्होंने कहा कि, क़ुरत ने अपनी मेहनत और लगन के बदौलत अमेरिका में फैलोशिप हासिल की है। 

क़ुरत-अल-ऐन मूल रूप से कश्मीर घाटी की रहने वाली हैं और पढ़ाई में शुरूआत से ही होनहार रही हैं। क़ुरत ने भगवंत यूनिवर्सिटी के गणित और सांख्यिकी विभाग में एक शोधार्शी यानि रिसर्च स्कॉलर के तौर पर पीएचडी की डिग्री हासिल की है। यहां उन्होंने अपनी रिसर्च डॉ रजनी त्रिपाठी के निर्देशन और मार्गदर्शन में की। डॉ. रजनी त्रिपाठी बताती हैं कि, डेटा एनेलिसिस को लेकर डॉ. कुरात का विज़न यानि दृष्टिकोण काफी अलग है, वो चाहती हैं कि डेटा एनेलिसिस को ज़्यादा से ज़्यादा सरल बनाया जाए ताकि जिन लोगों को गणित यानि मैथ्स नहीं आती वे भी इसे आसानी से समझ सकें।

अपनी पीएचडी की रिसर्च कै दौरान कु़रत ने सामान्य संरचनात्मक गुणों और सामान्यीकृत संभाव्यता वितरण के आकलन पर काम किया। उन्होंने अपनी रिसर्च के इस टॉपिक पर काफी काम किया। और उन्होंने दुनिया भर की जानी-मानी पत्रिकाओं (journals) में रिसर्च पेपर्स प्रकाशित (publish) कराए। उन्होंने कई कॉन्फ्रेंस में अपनी रिसर्च फाइंडिंग्स भी लोगों के सामने प्रेजेंट की।

साल 2022 में कु़रत नें यूजीसी की गाइडलाइंस के हिसाब से और उनकी सभी शर्तों पर ख़रे उतरते हुए, पीएचडी की डिग्री हासिल की। उनकी मेहनत और अपने काम को लेकर जूनून और दिलचस्पी की वजह से उन्हें एक और कामयाबी हासिल हुई।  क़ुरत की ऐनेलिटिकल क्षमताओं की वजह से उन्हें पीएचडी पूरा करने के तुरंत बाद यूएसए के शेफ़र ग्रुप में बतौर डेटा साइंटिस्ट सिलेक्ट कर लिया गया। और अब उन्हें हैरिसबर्ग यूनिवर्सिटी में पोस्टडॉक्टरल फेलो के तौर पर रिसर्च वर्क के लिए चुना गया। 

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