Insomnia a Cognitive Dysfunction: लगातार नींद की कमी बन सकती है जहर, कर सकती है दिमाग को डैमेज...
Sleep Disorder: एक मेडिकल रिसर्च के मुताबिक, लगातार नींद की कमी की वजह से इंसानी ब्रेन के फंक्शन्स पर खतरनाक असर पड़ता है. लंबे वक्त तक इन्सोमनिया के चलते हो सकते हैं मानसिक बीमारियों के शिकार.
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Sleep Disorder and Brain Disease: किसी भी व्यक्ति को स्वस्थ्य रहने के लिए भोजन और पानी को बाद, एक अच्छी नींद की भी जरूरत होती है. क्योंकि इंसानी शरीर और दिमाग गहरी नींद के दौरान ही खुद को रिपेयर यानि मरम्मत करता है. दिमाग और शरीर को लेकर एक मशहूर कहावत है- "A Sound Body Keeps A Sound Mind".
जब कोई व्यक्ति गहरी नींद लेता है तो उसका ब्रेने खुद-ब-खुद बेहतर फंक्शन करता है. वहीं, अगर कोई व्यक्ति प्रॉपर नींद नहीं लेता तो उसके दिमाग की फंक्शनिंग पर खतरनाक असर पड़ता है.
मेडिकल रिसर्च ने किया दावा
आपको बता दें कि एक मेडिकल रिसर्च के जरिए विशेषज्ञों ने दावा किया गया है, प्रॉपरन नींद या नींद की कमी से इंसानी दिमाग और शरीर दोनों पर ही नकारात्मक असर पड़ता है. नींद की कमी आपके दिमाग को बुरी तरह डैमेज कर सकती है और कई दिमागी बीमारियों को दावत दे सकती है.
वैज्ञानिकों का है ये दावा
ऐसा देखा गया है कि, आज के डिजीटल युग में बहुत से लोगों के सोने का वक्त बहुत ज्यादा बदल गया है. कुछ लोग कंप्यूटर के सामने रात भर बैठे रहते हैं तो कुछ किसी दूसरी वजह से रात में समय से नहीं सोते. इसपर वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि लंबे वक्त तक समय पर या पूरी नींद न लेने से दिमागी क्षमता प्रभावित होती है.
Cognitive Disfunctions
इसके लिए कुछ शोधकर्ताओं ने चूहों के दिमाग पर एक रिसर्च की. इस शोध में पाया गया कि लोगों में Cognitive Disfunctions यानि सोचने-समझने और निर्णय लेने की क्षमता नींद की कमी से सीधे तौर पर जुड़ी है. वैज्ञानिको ने अपनी इस शोध में दिमाग के अंदर पाए जाने वाले एक ऐसे प्रोटेक्टिव प्रोटीन को एनालिसिस किया जो सीधे तौर पर नींद से जुड़ा है.
इस शोध के बाद शोधकर्ताओं ने दावा किया कि दिमाग में पाए जाने वाला PTN यानि प्लियोट्रोफिन नाम का ये प्रोटीन न्यूरोलोजिकल सिस्टम, सूजन, कैंसर मेटास्टेसिस, हड्डी के विकास और टिशू की रिपेयरिंग आदि के लिए जिम्मेदार है.
प्लियोट्रोफिन एक जरूरी प्रोटीन
शोधकर्ताओं ने दावा किया कि PTN यानि प्लियोट्रोफिन से दिमाग में मौजूद याद रखने की क्षमता और सीखने की क्षमता वाले हिप्पोकैम्पस में मौजूद टिशू मरने लगते हैं. यही PTN प्रोटीन न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों और अल्जाइमर जैसी खतरनाक बीमारियों से सीधे तौर पर जुड़ा है.
विशेषज्ञों ने बताया कि किसी भी व्यक्ति के दिमाग में याददाश्त को ठीक रखने और सीखने की क्षमता को बनाए रखने के लिए अच्छी नींद का होना बेहद जरूरी है. नींद की ही कमी की वजह से किसी व्यक्ति की फोकस करने की क्षमता और याद रखने की क्षमता कम होती है. ऐसे में दिमाग के बेहतर संतुलन और स्वस्थ शरीर के लिए अच्छी नींद का लिया जाना बेहद जरूरी हो जाता है.
अच्छी नींद पाने के लिए करें यें:-
- रोजाना व्यायाम करें.
- टाइम पर सोकर और जागकर अपनी लाइफस्टाइल को बैलेंस करें
- सोने से पहले शराब और चाये से बनाए दूरी
- सोने से कम से कम 2-3 घंटे पहले करें रात्रि भोजन.
- भोजन के तुरंत बाद सोने से बचें.
- सोने से लगभग 2 घंटे पहले ही फोन या कंप्यूटर से बनाएं दूरी.