Jammu Kashmir Education: लेक्चरर बनने के लिए B.Ed करना अनिवार्य, जम्मू-कश्मीर में शिक्षा विभाग ने बदले नियम...
Eligiblity for LecturerShip: छात्रों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि वे जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में खाली पड़े हैं. नका आरोप है कि जम्मू कश्मीर के बहुत से स्कूलों में अभी भी कई लेक्चरर पद खाली हैं. जिनपर भर्ती निकाली जानी चाहिए.
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B.Ed Compulsory for Lecturership: जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग ने राजकीय हायर सेकेंडरी स्कूलों में व्याख्यता (लेक्चरर) बनने की योग्यताओं का बदलने का फैसला कर लिया है. विभाग लेक्चरर पद के लिए बीएड की डिग्री अनिवार्य करने वाला है. शिक्षा विभाग के इस फैसले पर शोधार्थियों और छात्रों ने नाराजगी जताई है. ऐसें में जम्मू विश्वविद्यालय में PHD और PG की तालीम हांसिल कर रहे शोधार्थियों और छात्रों का कहना है कि उन्हें शिक्षा विभाग का ये फैसल मंजूर नहीं है. उनका कहना है कि प्रशासन को अपना ये बेतुका फैसला जल्द वापस लेना होगा.
आपको बता दें कि नौजवान छात्रों की शिकायत है कि वे अपनी PG की पढ़ाई में दो साल, तो M.Phil और PHD की पढ़ाई में तीन से लेकर पांच साल का वक्त खर्च कर रहे हैं. जिसका उन्हें कोई फायदा नहीं मिलेगा. इसके अलावा लेक्चरर बनने के लिए उन्हें ऊपर से B.Ed की डिग्री हांसिल करने के लिए दो साल और खर्च करने पड़ेंगे. उनका आरोप है कि सरकार के इन फैसलों की वजह से छात्रों का पैसा और उम्र केवल डिग्रियां हांसिल करने में ही निकल जाएगा. इसके बाद भी उन्हें इस सब को कोई फायदा नहीं होगा.
विश्वविद्यालय के छात्रों और शोधार्थी का कहना है कि लेक्चरर पद की भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को केवल पीजी तक ही सीमित रहना चाहिए. वहीं B.Ed की डिग्री को केवल दसवीं कक्षा के शिक्षकों के लिए अनिवार्य किया जाना चाहिए.
स्कूलों में खाली पड़े लेक्चरर पदों पर हो भर्ती
वहीं, युवा छात्रों ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि वे जल्द से जल्द जम्मू-कश्मीर के स्कूलों में खाली पड़े लेक्चरर पदों को चिन्हित करें. इसके बाद उनपर भर्ती निकाले. उनका आरोप है कि जम्मू कश्मीर के बहुत से स्कूलों में अभी भी कई लेक्चरर पद खाली हैं. जिनपर भर्ती निकाली जानी चाहिए.