Aditya L1 Mission Update: कहां पहुंचा ISRO का आदित्य L-1, लैगरेंज प्वाइंट पर भी लगता है ग्रहण? पढ़ें पूरी ख़बर...
Aditya L1 Update: भारत के सूर्य मिशन Aditya L-1 ने अंतरिक्ष से अपनी एक सेल्फी भेजी है. सूर्य यान की ये तस्वीर बेहद ही शानदार नजर रही है.
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Solar Mission Aditya L1: भारत के सूर्य मिशन Aditya L-1 ने अंतरिक्ष से अपनी एक सेल्फी (Selfie) भेजी है. आदित्य एल-1 ये सेल्फी यान में लगे एक कैमरे से ली है. जिसके बाद बीते गुरूवार को ISRO ने आदित्य की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कीं. दरअसल, Aditya L-1 द्वारा ली गई इस सेल्फी में यान में लगे दो पेलोड्स SUIT और VELC दिखाई दे रहे हैं. हालांकि ISRO ने आदित्य एल-1 की एक और विडियो भी जारी की है, जिसमें यान से चांद और पृथ्वी को आसानी से देखा जा सकता है.
अपको बता दें कि बीते 6 दिन के भीतर ISRO के सूर्य मिशन ने दो बार अपनी कक्षा को बदला है. Aditya L-1 की कक्षा को बदलने के लिए यान में लगे थ्रस्ट इंजनों को दो बार ऑन किया गया था. गौरतलब है कि Aditya L-1 अगले चार महीने तक अंतरिक्ष में सफर करेगा. जिसके बाद ये अपनी निर्धारित कक्षा यानि लैगरेंज प्वॉइंट पर पहुंचेगा.
कहां पहुंचा आदित्य एल-1?
आपको बता दें कि बीते 2 सितंबर को ISRO ने अपने सूर्य मिशन Aditya L-1 को PSLV-C57 रॉकेट की मदद से अंतरिक्ष में भेजा था. अपनी लॉन्चिंग के ठीक एक घंटे बाद ISRO ने अपने इस सूर्य यान को पृथ्वी की सबसे निचली कक्षा में पहुंचा दिया था. इस वक्त Aditya L-1 पृथ्वी की तीसरी कक्षा में चक्कर लगा रहा है. गौरतलब है कि इसरो का ये सूर्य मिशन पृथ्वी के ऑर्बिट में तकरीबन 16 दिनों तक मौजूद रहेगा.
लैगरेंज प्वाइंट पर भी लगता है ग्रहण?
ISRO के मुताबिक भारत के सूर्य मिशन यानि Aditya L-1 को L-1 प्वाइंट पर मौजूद हेलो ऑर्बिट में रखा जाएगा. इस प्वॉइंट्स पर रहकर Aditya L-1 सूरज पर बिना किसी रोकटोक के नजर रख पाएगा. आपको बता दें कि L-1 प्वॉइंट और सूरज के बीच किसी तरह का कोई भी ऑब्जेक्ट नहीं मौजूद होगा. यही कारण है कि लैगरेंज प्वॉइंट -1 पर कभी भी ग्रहण नहीं लगता.
क्यों है सूरज का स्टडी जरुरी?
हमारे सोलर सिस्टम में कुल 8 ग्रह हैं, जो लगातार सूरज का चक्कर काट रहे है. सूरज ही इन सभी ग्रहों का केंद्र है, और सूर्ज की ही वजह से पृथ्वी पर जीवन मौजूद है. सूरज की ही वजह से पृथ्वी को उसकी जरूरी ऊर्जा मिलती है. इस मिशन के जरिए भारत का ISRO सूरज की स्टडी करेगा. जिसके जरिेए पृथ्वी और अंतरिक्ष पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों के प्रभाव को जाना जा सकेगा.