Digital Jammu Kashmir: कश्मीर के मुख्य सचिव (सीएस) डॉ. अरुण कुमार मेहता ने बाताया कि राज्य में रहने वाले पांच वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को प्रशासन द्वारा चालाई जा रही डिजिटल पहल के बारे में जागरूक किया जाएगा. मुख्य सचिव का कहना है कि राज्य में भ्रष्टाचार पर सिर्फ ऑनलाइन सेवाओं के जरिए ही लगाम लगाई जा सकती है. केवल डिजिटल सेवाएं ही इसको जड़ से खत्म कर सकती हैं. डिजीटल सेवाओं ने लोगों को अपनी इच्छानुसार अधिकार प्राप्त करने में सक्षम बनाया है, लोगों को डिजीटली सशक्त बनाया है.
नई दिल्ली में आईटी विभाग द्वारा डिजिटल सप्ताह पर आयोजित एक प्रोग्राम में डॉ. अरुण कुमार मेहता ने उपायुक्तों को जम्मू-कश्मीर के लोगों में सरकार की डिजिटल पहल को लेकर जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए. इस प्रोग्रमा में कश्मीर के हजारों लोग और स्कूली बच्चों ने शिरकत की.
मुख्य सचिव ने बताया कि लोगों को मिलने वाली डिजिटल सेवाएं न केवल आसानी से उपलब्ध हैं, बल्कि कम महंगी और पारदर्शी भी हैं. कश्मीर में लोगों को डिजीटल सेवाओं के प्रति जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि लोग अपने अधिकारों को जानें और घंटों लाइन में लगकर दफ्तरों के चक्कर काटने से बचें. मुख्य सचिव ने बताया कि जनता की सुविधाओं के लिए आईटी विभाग कुछ कॉल सेंटर स्थापित करेगा और ऑनलाइन सेवाओं के आवेदकों को उनकी एप्लीकेशन के स्टेटस और रिजल्ट को तेज़ी से पहुंचाने पर जोर दिया.
फिलहाल आम जनता तक डिजीटल सेवाओं को पहुंचाने के लिए कुल 1016 ग्राहक सेवा केंद्र हैं. जम्मू प्रशासन इन्हें बढ़ाकर लगभग 1500 तक ले जाना चाहता है. मुख्य सचिव (सीएस) डॉ. अरुण कुमार मेहता ने जनता से अपील की है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ग्राहक सेवा केंद्र की मदद से अपने सभी सरकारी कार्यों को पूरा करें. ग्राहक सेवा केंद्र पर मिलने वाली सेवाएं न केवल आसान हैं बल्कि इनमें वक्त की भी काफी बचत है. इसके साथ ही इन सुविधाओं के इस्तेमाल से आम जनता को अलग-अलग बिचौलियों और भ्रष्टाचार से भी आजादी मिलेगी.
कश्मीर के मुख्य सचिव ने जनता से अपील की, हमारा नारा होना चाहिए कि डिजीटल है तो ही सही है...