चांदी जैसा रंग
जियें तो जियें कैसे
चिट्ठी आई है
ना कजरे की धार
आज फिर तुम पे प्यार आया है
घुंघरू टूट गए
और आहिस्ता कीजिए बातें
मैं नशे में हूं