जम्मू-कश्मीर: कश्मीर के ख़त्म और लद्दाख के शुरू होने से पहले जो वैली आती है वो है सोनमर्ग। हिमालय में 9000 फीट की ऊंचाई पर मौजूद ये वादी, 18000 फीट के बड़े बड़े ग्लेशियरों से घिरी हुई है। इन ऊंचे-ऊंचे ग्लेशियर को देखने के लिए आपकी गर्दन में दर्द हो जाएगा। यहां सर्दी इतनी ज्यादा पड़ती है कि, जनवरी महीने में ये ज़मीन 10-20 फीट मोटी बर्फ की चादर ओढ़ लेती है। और थाजीवास की चोटियों दुनिया का सबसे खू़बसूरत नज़ारा पेश करती हैं। इसीलिए कुछ लोग सोनमर्ग को स्वर्ग का रास्ता भी कहते हैं।
लद्दाख यहां से केवल 25 कि.मी. दूर रह जाता है। लेकिन इतनी ज़्यादा बर्फबारी के चलते ये रोड कई दिनों और कई बार कई हफ्तों के लिए बंद हो जाता है। और इतनी ज़्यादा सर्दी और बर्फबारी की वजह से सर्दियों में सोनमर्ग के ज़्यादातर मार्केट और होटल बंद रहते हैं। सर्दियों में सोनमर्ग पूरी तरह से बर्फ की चादर ओढ़ लेता है। सफेद बर्फ की चादर से सारा माहौल दूधिया हो जाता है।
ज्यादा बर्फबारी के कारण ही लगभग 2 कि.मी. में फैले इस गांव के ज़्यादातर लोग सर्दियों के मौसम में यहां से निचले इलाकों या गांव में चले जाते हैं। लेकिन कुछ गांव वाले यहीं रहते हैं। लेकिन इतनी ज्यादा बर्फबारी और ख़राब मौसम के बावजूद भी ये नज़ारे आपको यहां आने के लिए मजबूर कर देते हैं।
ख़ूबसूरत थाजीवास ग्लेशियर
सोनमर्ग का थाजीवास ग्लेशियर सबसे ज़्यादा मशहूर है। या यूं कहें कि थाजीवास ग्लेशियर की ही वजह से सोनमर्ग मशहूर है। सोनमर्ग का ग्लेशियर लोगों को अपनी तरफ खींच लेता है। हर साल हजारों टूरिस्ट इस ग्लेशियर के ख़ूबसूरत नज़ारे के देखने आते हैं। मेन टाउन से थाजीवास ग्लेशियर का बेस प्वॉइंट बस 3 कि.मी. दूर है। लेकिन सर्दियों इस बेस प्वॉइंट तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। हजारों लोग केवल थाजीवास की खूबसूरत और शानदार चोटियों के निहारने के लिए ही इतनी मेहनत करते हैं। बर्फ की सफेद चादर ओढ़े ये मैदान और सूरज की रौशनी में चमकती पहाड़ की चोटियां मानों एक पल के लिए हमारी सारी बेचैनी को ग़ायब कर देती हैं। दिमाग़ शांत और दिल को सुकून से भर देती हैं।
स्नो-मोबिल या बर्फ का स्कूटर
जब यहां इतनी ज़्यादा बर्फ पड़ती है और बर्फ में लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है, तो यहां काम आते हैं स्नो-मोबिल। स्नो-मोबिल एक तरह का बर्फ पर चलने वाला स्कूटर होता है। जिसकी मदद से आप बर्फ पर स्कूटर चलाने का मज़ा ले सकते हैं। और इसकी मदद से इधर-उधर पहुंचते हैं।
सेम डे ट्रिप
सोनमर्ग में टूरिस्ट सेम डे ट्रिप के लिए आते हैं यानि यहां ठहरने का कोई इंतेज़ाम नहीं हैं। क्योंकि सर्दियों में यहां होटल या सराय बंद रहते हैं। लेकिन इस समस्या को देखते हुए सरकार काम कर रही है। और अब कुछ ही दिनों में सोनमर्ग को सर्दियों में भी कनेक्टिड रखने के लिए Z-Morh Tunnel शुरू हो जाएगी। तो अब सोनमर्ग का सफ़र और भी ज्यादा खू़बसूरत और मज़ेदार होने वाला है।