टूरिस्टों की पंसदिदा डेस्टिनेशन है ,सोने का मैदान सोनमर्ग

Written By Rishikesh Pathak Last Updated: May 04, 2023, 01:51 PM IST

Sonamarg: जम्मू-कश्मीर की बेहद मशहूर और ख़ूबसूरत जगह सोनमर्ग है. सोनमर्ग लफ़्ज़ का मतलब है "सोने का मैदान". यक़ीनन यह जगह सोने के मैदान से कम नहीं है. इस जगह का नाम इसलिए सोनमर्ग रखा गया क्योंकि, जब स्प्रिंग सीज़न आता है तो यह जगह ख़ूबसूरत फूलों के साथ पूरा ढक जाता है. दिखने वो नज़ारा एकदम सुनहरा ही लगता है. इसके साथ ही सोनमर्ग में मौजूद ऊंचे पहाड़ों की चोटियों पर जब सूरज की किरणें टकराती हैं तो तब भी नज़ारा एकदम सुनहरा हो जाता है।

सोनमर्ग समुद्र सतह से 2740 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है. बर्फिले पहाड़ों से घिरा हुआ सोनमर्ग शहर ज़ोजिला दर्रा से ही पहले है. सोनमर्ग एक ऐसा टूरिस्ट स्पॉट है जहां पर ट्रेकिंग के शौक़ीन हैं. सभी ज़रूरी ट्रेकिंग के रास्ते की शुरुआत सोनमर्ग से ही होती है. अमरनाथ जाने वाले अक़ीदतमंदों के सफ़र की शुरुआत भी सोनमर्ग से ही होती है. ट्रेकिंग के अलावा सोनमर्ग का नज़ारा, झीलें, दर्रे, और पहाड़ इसे कश्मीर के सब शहरों से अलग बनाता है।

सोनमर्ग की मशहूर झीलें


सोनमर्ग में मौजूद गद्सर, कृष्णासर और गंगाबल जैसी झीलें यहां कि ख़ूबसूरती में चार चांद लगाती हैं. गद्सर झील सोनमर्ग से 15 किमी. की दूरी पर है और बर्फ से ढंके हुए पहाड़ों और अल्पाइन फूलों से लदी हुई है. इसी के पास सत्सर झील और बाल्टन झील भी मौजूद है जो ठंड के दौरान पूरी जम जाती है. सोनमर्ग घूमने आए टूरिस्ट इन झीलों का अनोखे नज़ारे का लुत्फ उठी सकते हैं. कृष्णासर झील यहां की मशहूर झील है. यह समुद्र सतह से 3801 मीटर की ऊंची है और निचिंई पास (दर्रे) से यहां पहुंचा जा सकता है. जिसमें ट्राउट मछलियां भी पाई जाती हैं. सत्सर झील जाने का रास्ता वहां से पैदल का भी है. यह झील समुद्र सतह से 3600 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद है. झीलों के पास मौजूद ऊंचे पेड़ और अल्पाइन फूल इसकी ख़ूबसूरती में चार चांद लगाते हैं। 

 

कैम्पिंग प्लेस


इन झीलों के अलावा थजिवास ग्लेशियर भी एक ज़बरद्स्त टूरिस्ट प्लेस है. जो सोनमर्ग ग्लेशियर के दामन में है. यह पूरा इलाका देवदार के घने जंगलों से ढका हुआ है. यहां पर कैम्पिंग का लुत्फ उठाया जा सकता है. यह ग्लेशियर पूरे साल बर्फ से ढंका रहता है.

लाल नदी


सोनमर्ग में एक काफी फेमस जगह निलाग्रद भी है जो एक पहाड़ी नदी है यह घाटी से होकर आगे बहती हुई बाल्टिक बस्ती में सिंधु नदी से मिल जाती है. इसे मशहूर बनाने की वजह है इसका पानी. इस नदी का पानी लाल रंग का है. जो मेडिकल लिहाज़ से फायदेमंद होता हैं.