Amarnath Yatra 2023: 5 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन. छड़ी मुबारक दर्शन करने के बाद समाप्त होगी अमरनाथ यात्रा.

Written By Last Updated: Aug 31, 2023, 05:47 PM IST

अमरनाथ यात्रा: आज से बाबा बरफानी की शुभ यात्रा समाप्त होने जा रही है.  31 तारीख को छड़ी मुबारक के पवित्र दर्शन के साथ बाबा अमरनाथ यात्रा समाप्त होगी. भगवान शिव की पवित्र छड़ी एक भगवा कपड़े में लिपटी हुई छड़ी है. गौरतलब है कि 26 अगस्त को राजधानी श्रीनगर में मौजूद एक अखाड़े से निकली पवित्र छड़ी बाबा अमरनाथ के दर्शन के लिए निकली थी.

महात्माओं और साधु संतों के साथ निकली छड़ी मुबारक पवित्र गुफा पहुंचेगी. जहां मुबारक छड़ी की उगते सूरज के साथ पूजा-अर्जना कर पवित्र गुफा में स्थापना की जाएगी. बाबा अमरनाथ के दर्शन के बाद छड़ी को वापस अखाड़े पहुंचाने के लिए श्रीनगर ले जाया जाएगा. कुछ एक मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2023 में पांच लाख से भी ज्यादा भक्तों ने बाबा अमरनाथ के दर्शन किए हैं.


चलेगा अभियान होगी रास्तों की सफाई

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बाबा बर्फानी की यात्रा के समाप्त होने के बाद, यहां पहुंचाने वाले दोनों रास्तों की सफाई के लिए एक अभियान चलाया जाएगा. अमरनाथ दर्शन के लिए यहां गुफा तक पहुंचने के दो अहम रास्ते हैं. पहला रास्ता पहलगाम से होकर जाता है, जिसकी लंबाई 47 किमी हैं जिसे तय करने में लगभग 2-3 दिन तक लग जाते हैं.

दूसरा रास्ता बालटाल से होकर जाता है. 14 कि.मी. यानि न्यू ट्रैकिंग रूट के नाम से मशहूर इस रास्ते की चढ़ाई एक दिन में पूरी की जा सकती है.


रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
 
इस साल 1 जुलाई से शुरू होने वाली इस यात्रा ने केवल 37 दिन के अंदर यानि 6 अगस्त को ही साल 2022 में बाबा बर्फानी के दर्शन करने पहुंचे श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड तोड़ दिया नया रिकॉर्ज बनाया. इस साल बाबा अमरनाथ के दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं  की तादाद 5 लाख के आंकड़े को पार कर चुकी है, जोकि पिछले साल केवल 3 लाख 65 हजार यात्रियों की थी.

कौन हैं बाबा बर्फानी और क्या है उनका महत्व?

जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले में, हिमालय की गोद में मौजूद है एक 17 हजार फीट ऊंचा अमरनाथ पर्वत. जोकि हिंदुओं के सबसे पवित्र तीर्थस्थल में से एक है. पूरी तरह से बर्फ से निर्मित ये शिवलिंग अमरनाथ की पवित्र गुफा में मौजूद है. बर्फ से बने शिवलिंग को 'बाबा बर्फानी' भी कहते हैं.