जम्मू-कश्मीर: तो हम में से कई लोग, वीक-एंड या छुट्टी पर, कहीं बाहर घूमने जाने के लिए प्लॉन बनाते हैं। और मौक़ा मिलते ही अपने सफ़र पर निकल पड़ते हैं। अपने सुकून की तलाश में हम, देश भर की अलग-अलग जगहों पर घूमने जाते हैं। लेकिन क्या आपको पता है, कि सुकून की तलाश कर रहे, इन सोलो ट्रैवलर्स की सबसे पसंदीदा जगह कौन सी है?
ट्रैवलिंग की एक ताज़ा रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि सोलो-ट्रैवलिंग के मामले में जम्मू-कश्मीर ट्रैवलर्स की सबसे पसंदीदा जगह है।
जानेमाने ट्रैवल फिनटेक 'सनकैश' की एक रिसर्च में पाया गया, कि सोलो ट्रैवलिंग करने वालों में "35%" ट्रैवलर्स अपनी छुट्टियां मनाने के लिए जम्मू और कश्मीर जाना पसंद करते हैं। इसके बाद 25% लोग मनाली और 14% शिमला जाते हैं।
उनके बाद नंबर आता है, मसूरी, सिक्किम और गोवा जैसी जगहों का, जहां 9% लोग मसूरी, 7% सिक्किम और 5% लोग गोवा जाते हैं।
ट्रैवल ब्लॉगर और गोकैश एडवेंचरर्स GoKash Adventurers के फाउंडर दानिश मीर ने बताया कि "सोलो-ट्रैवलिंग" ख़ास तौर पर कोविड-19 के बाद बढ़ी है। कोरोना के बाद ही सोलो ट्रैवलिंग का ट्रैंड ज़्यादा बढ़ा है।
मीर कहते हैं, कि “सुकून और आज़ादी की तलाश में ही ज़्यादातर लोग, सोलो ट्रैवल यानि अकेले यात्रा करते हैं। और कुछ ट्रैवलर्स को लगता है कि, अकेले यात्रा करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है और खुद को चुनौती देकर हम कॉन्फिडेंस हासिल कर सकते हैं ”।
दानिश बताते हैं, कि सोलो ट्रैवलिंग के लिए ट्रैवलर्स गुरेज, बंगस वैली और सिंथन टॉप जैसी पॉप्युलर डेस्टिनेशन के लिए बुकिंग करते हैं। वो कहते हैं कि “कश्मीर में आपकी पहली सोलो ट्रिप के लिए बहुत सारी डेस्टिनेशन हैं। हालाँकि, सोलो ट्रैवलर्स ऐसी जगहें पसंद करते हैं जहाँ भीड़ कम हो और नई चीज़ें आज़मा सकें। इसलिए, यहां की बहुत सारी जगहें जहां ट्रैकिंग की सुविधा हो उनके लिए एक अच्छा ऑप्शन बन जाते हैं।”
रिपोर्ट की मानें तो, सबसे दिलचस्प बात ये है कि देश में सोलो ट्रैवलिंग का ट्रैंड क़ाफी बढ़ा रहा है। इस साल के पहले क्वाटर यानि Q1-FY23 में सोलो ट्रैवलिंग बुकिंग में "250%" बढ़ोत्तरी हुई है। मीर बताते हैं कि, पिछले साल उन्होंने लगभग 30 से 35 सोलो ट्रैवलिंग पैकेज बेचे हैं।
ये रिपोर्ट बताती है कि “मौजूदा वक़्त में सोलो ट्रैवलिंग सबसे ज़्यादा ट्रैंड कर रहा है। क्योंकि अब लोग न केवल खुद को बल्कि दुनिया को अपने मन मुताबिक ढंग से जानना चाहते हैं। आज़ादी, शांति और सुकून की ही तलाश में लोग, अपने कंफर्ट ज़ोन से बाहर आकर, अकेले ही उन जगहों के सफ़र पर निकल रहे हैं, जहां उनका दिल चाहता है।”