Leh: लद्दाख अपने ठंडे रेगिस्तान और खू़बसूरत बंजर पहाड़ी नज़ारों के लिए टूरिस्ट्स की सबसे पसंदीद जगहों में से एक है. लद्दाख में मौजूद रेत के टीले, यहां की सूखी ठंड और शानदार झीलें इस एक परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाती हैं. उन्हीं झीलों में से एक है पैंगोंग त्सो झील. भारत और चीन बॉर्डर पर मौजूद पैंगोंग त्सो झील अपनी ख़ूबसूरती और मौजूदगी की वजह से दुनिया भर में जानी जाती है. हाल ही में कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता राहुल गांधी भी इसकी खूबसूरती को निहारने के लिए यहां पहुंचे.
पैंगोंग से जुड़े ऐसे कई सारे इंटरेस्टिंग फेक्ट्स हैं जिन्हें आम लोग नहीं जानते. तो आईए जानते हैं कि क्यों ख़ास है लद्दाख की ‘पैंगोंग झील’, जहां पहुंचे थे राहुल गांधी इससे जुड़े कुछ इंटरेस्टिंग फैक्ट्स:-
नज़ारा-
इस झील का पानी नमकीन है. नमकीन पानी की वजह से ये भारत की चुनिंदा झीलों में से एक है. लद्दाख के साफ-सुथरे आसमान की वजह से झील का नज़ारा देखते ही बनता था. चांदनी रात में झील का नज़ारा आपका मन मोह लेगा.
शूटिंग-
झील की खू़बसूरती और इसके शानदार पानी की वजह से, यहां बहुत सी बॉलीवुड मूवीज़ की शूटिंग हो चुकी है. मशहूर फिल्म '3 इडियट्स' के क्लाईमैक्स सीन की शूटिंग भी यहीं हुई थी.
ठंड में बर्फबारी-
सर्दियों में ठंड की वजह से ये झील पूरी तरह जम जाती है. झील पर जमी बर्फ, किसी सफेद चादर की तरह नज़र आती है जो बेहद शानदार लगती है.
हेमिस मठ-
लगभग 400 साल पहले यानि साल 1630 में बनी हेमिस मोनेस्ट्री लद्दाख की सबसे मशहूर और सबसे पुरानी मोनेस्ट्रीज़ में से एक है. पहाड़ पर एक शांतिपूर्ण इलाके में बनी हेमिस मोनेस्ट्री यहां की कुछ बेहद खूबसूरत मोनेस्ट्रीज में से एक है. इस मोनेस्ट्री में तिब्बती किताबों से भरपूर की एक बड़ी लाइब्रेरी है. यहां कई तरह के कीमती पत्थरों से जड़े स्तूप और सोने की मूर्तियां भी मौजूद हैं. यहां मनाया जाने वाला हेमिस फेस्टिवल दुनिया भर में मशहूर है, जिसे देखने के लिए हर साल हजारों की तादाद में टूरिस्ट यहां आते हैं.
सफाई-
लगभगर 4500 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद इस झील का पानी और इसके ऊपर का आसमान बेहद साफ है. रात के वक़्त करोड़ों तारों से भरा ये आसमान किसी लाईट शो जैसा लगता है. रात को झील चमचमाती है, एक पल के लिए आपको लगेगा की सारे के सारे तारे झील में उतर आए हों.