श्रीनगर : डल झील में शिकारा क्रूज हमेशा से टूरिस्टों के आकर्षण का केन्द्र रहा है, लेकिन एक चीज और है जिसे टूरिस्ट शिकारा का मजा लेते हुये जरूर आजमाते है और वो है फ्लोटिंग केहवा अब आप सोचेंगे कि ये फ्लोटिंग केहवा आखिर है क्या हम बताते है आपको आखिर फ्लोटिंग केहवा क्या है और इसे कौन बनता है और ये कितना मशहुर है पढ़िए हमारी इस खास रिपोर्ट में ।
क्या आप श्रीनगर घुमने जाने वाले है या फिर घुमने जाने का प्लान बना रहे है तो जाहिर सी बात है डल झील तो आप घुमने जायेंगे ही और शिकारा पर भी सैर जरूर करेंगे लेकिन अगर आपको शिकारा क्रूज पर घुमते हुये कोई फ्लोटिंग केहवा बेचता हुआ मिल जाये तो शायद आपको हैरत हो जाये। लेकिन आपको बता दे कश्मीर को जानने वाला हर शख्स और बाहर से आने वाले टूरिस्ट मुश्ताक हुसैन अखून को जरूर जानते है और ऐसा इसलिए क्योकि वो अलग ही नायब तरीके से ऐसा केहवा बनाते है। जिसे पीने के बाद हर कोई सिर्फ वाह उस्ताद कहना चाहता है। हांड को जमा देने वाली ठंड में केहवा टूरिस्टों के लिए किसी नेमत से कम नहीं है और शिकारा क्रूज पर घुमते हुये अगर इसकी चुसकी मिल जाये तो फिर क्या केहने, मुश्ताक हुसैन रोजाना सुबह सात बजे से माइनस में जाते मौसम के बीच शिकारा पर अपना समान रख कर पारंपरिक तौर तरीके से फ्लोटिंग करते हुये अपना कहवा शिकारा क्रूज पर घुमने वाले लोगों को बेचते है और उनके प्रेजन्टेशन के तरीके से टूरिस्ट काफी दिलचस्पी से केहवा पीना पसन्द करते है।
टूरिस्टों के लिए कश्मीर के लोग हमेशा मेहमान नवाज बनकर तैयार रहते है। यही कारण है कि टूरिस्ट भी कश्मीर आने पर यहां की खुबरत वादियों को तो देखते ही है लेकिन यहां के बाशिन्दों की ईमानदारी की तारीफ करते नहीं थकते है। मुश्ताक का केहवा पीने के बाद एक टूरिस्ट कहना है कि उन्होंने पूरा कश्मीर घूमा और लगभग हर जगह पर जाकर केहवा पिया लेकिन उनको लगा कि कहवा मतलब गर्म पानी में शहद जैसा मिठा कुछ होता है। बशर्तें जब तक उन्होंने मुश्ताक का केहवा नहीं पिया था लेकिन जैसे ही उन्होंने मुश्ताक का केहवा पिया उनका नजरिया केहवा को लेकर बदल गया उनका कहना था कि 16 अलग अलग मसालों को मिलाकर जिस तरह से मुश्ताक भाई उनको केहवा पिलाते है वो लाजवाब है।
दिल्ली से आये एक टूरिस्ट का कहना है कि केहवा बनाने और बेचने का ऐसा इंतजाम उन्होंने पहले कहीं नहीं देखा और जिस प्यार से मुश्ताक भाई केहवा लोगों को देते है उससे कोई भी उनका केहवा लेने से इंकार नहीं कर पाता है। पहले हमने केवल सोशल मीडिया पर केहवा के बारे में सुना था लेकिन सही मायने में केहवा मुश्ताक भाई ही पिलाते है..इनका केहवा मौसद के हिसाब से भी हेल्थ के लिए बहुत बढ़िता होता हैं।
मुश्ताक केहवा कई सालों से बेच रहे हैं उन्होंने कई काम धन्धे किये लेकिन उनको केहवा से जो लोकप्रियता मिली। उसके लिए वो अल्लाह का शुक्र करते है। उनका मानना है कि केहवा तो हर कोई बनाता है और कश्मीर में इसे खुब पसन्द भी किया जाता है। लेकिन असल में केहवा के लिए सिर्फ 11 मसाले है लेकिन वो अपने केहवा में 16 मसाले मिलाते है और सबसे अनोखी बात की वो शिकारा पर फ्लौटिंग करते हुये केहवा बेचते है। सुबह सात बजे से पहले वो सब्जी बेचने वालों को केहवा पिलाते है और फिर उसके बाद टूरिस्टों को अपने अनोखे अंदाज में बेचते है। गुलाब की पंखुडियों के साथ सुखे मेवों की महक मुश्ताक भाई के केहवा को इंटरनेशनल बना रही है। झील पर आने वाले विदेशी पर्यटक उनके साथ अपनी फोटो खिचवाते है और वीडियो बनाते है। उनका मानना है कि केहवा बेचकर उन्हें सुकुन और सेवा की भावना का अहसास होता है जो और किसी भी धन्धे में उनको नहीं मिल सकता है।
केहवा बेचकर सोशल मीडिया पर खासा मशहुर हो जाने वाले मुश्ताक हुसैन अपने काम को लेकर बहुत समर्पित रहते है। यही कारण है कि मौसम और कोई भी परिस्थिती उनके काम करने के जज्बे को रोक नहीं पाती है और वो लगातार झील पर शिकारा क्रूज का मजा लेने वाले टूरिस्टों को केहवा पिलाते रहते है।