कश्मीर के शोपियां की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद है सबसे खास

Written By Rishikesh Pathak Last Updated: May 06, 2023, 02:57 PM IST

कश्मीर के शोपियां इलाके में बनी जामिया मस्जिद अपनी ऐतिहासिकता और अपनी भव्यता के लिए खासा मशहूर है। इस मस्जिद की सबसे खास बात ये है कि ये न तो मुगलों की बनवाई हुई है न ही किसी अन्य संस्था ने इसको बनवाया है क्या है जामिया मस्जिद का इतिहास पढ़िए हमारी इस खास रिपोर्ट में ।

 

भारत में ऐतिहासिक जामिया मस्जिद की जब बात होती है तो सभी को दिल्ली की जामिया मस्जिद याद आती है लेकिन हम आपको बताते है कि देश में कुल तीन जामिया मस्जिद है जिसमें पहली मस्जिद दिल्ली की जामिया मस्जिद है दूसरी मस्जिद श्रीनगर की जामिया मस्जिद है औऱ तीसरी मस्जिद शोपियां कश्मीर की जामा मस्जिद है। लेकिन इनमें से दो मस्जिदों में एक समानता है यानि दिल्ली और श्रीनगर की जामिया मस्जिद को मुगलो ने बनाया है। इस इतिहास को सभी लोग जानते है लेकिन बहुत कम लोग ही जानते होंगे की कश्मीर के शोपियां में बनी जामिया मस्जिद न तो मुगलो ने बनवाई है और न ही किसी संस्था ने इसका निर्माण करवाया है दरसल इस मस्जिद का निर्माण दक्षिण कश्मीर के शोपियां में रह रहे लोगों ने 1942 में अनाज, सोना-चांदी और तांबा जैसी बेशकीमती धातुओं को जक़ात में देकर बनवाया है।

 

लोगों की आस्था का केन्द्र बन चुकी ये मस्जिद 2 एकड़ में बनी हुई है। इसकी बुलन्द इमारत शोपियां के लोगों की बुलन्द आस्था का प्रतीक है। शोपियां के दिल में बनी जामिया मस्जिद के ऐतिहासिक महत्व से प्रभावित होकर दूर- दूर से पर्यटक इसे देखने के लिए और यहां इबादत करने के लिए आते है। शोपियां की ये जामिया मस्जिद का आकार औऱ डिजाइन दिल्ली और श्रीनगर में बनी जामिया मस्जिद की तरह ही है। यहां के मकामी बाशिन्दों का कहना है कि दक्षिण कश्मीर में जब जामिया मस्जिद का निर्माण किया जा रहा था तब 1942 में इतने संसाधन नहीं थे और लोगों के पास इतने पैसे भी नहीं हुआ करते थे लेकिन मकामी लोगों ने अपने जीवन भर की कमाई मस्जिद में ज़कात के तौर पर दी ताकि मस्जिद की इमारत बलन्द हो सके। 

 

मस्जिद में आने वाले पर्यटक जब इस जामिया मस्जिद को देख कर इसकी खुबसुरती और इतिहास को समझते है तो यहां के स्थानीय लोगों को बहुत गर्व महसूस होता है।