15 लाख फूलों से गुलजार इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन करायेगा आपको खूबसूरती का दीदार

Written By Rishikesh Pathak Last Updated: Jun 14, 2023, 08:41 PM IST

श्रीनगर: कश्मीर और कश्मीरियत को गुलजार करता जम्मू कश्मीर का टूरिज्म, यहां की खुबसुरती का दीदार पूरी दुनिया को कराता है। जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर ने इस साल G20 की मेजबानी करके ये साबित कर दिया है कि कश्मीर हर मायने में पूरी तरह से सुरक्षित है। यहां आने वाले विदेशी मेहमानों ने कश्मीर की तस्वीर को अपनी आंखों में बसाया और अपने वतन तो लौट गये लेकिन कश्मीर की लाइफलाइन यानि टूरिज्म को वो पुश दे गये जिसकी यहां के बाशिन्दों को उम्मीद थी। G20 वर्किग ग्रुप की बैठकों ने यहां के हर टूरिस्ट पैलेस को प्रमोट करने के लिए और यहां की पॉजटीव तस्वीर को दुनिया के सामने रखने का काम किया है। 


यूं तो पूरा कश्मीर हर लिहाज से देखने लायक है लेकिन एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन टूरिस्टों के लिए कुछ खास नजारें दिखा सकता है। 15 लाख ट्यूलिप्स का दीदार एक जगह पर करने का अनुभव मुश्किल से मिल पाता है लेकिन श्रीनगर के डल झील के किनारे पर जबरवान पहाड़ों की तलहटी में 52 हेक्टयेर की जमीन पर फैला इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन आपको इस खुबसुरती को देखने का मौका देगा। कश्मीर में आने वाले हर टूरिस्ट को इस जगह जरूर आना चाहिए क्योंकि ये एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है जहां एक साथ इतने अलग अलग किस्मों के ट्यूलिप्स को एक साथ देखा जा सकता है। ट्यूलिप गार्डन में 15 लाख ट्यूलिप के फूलों की 68 प्रजातियां हैं।


ट्यूलिप्स के साथ ही इस गार्डन में आपको जलकुंभी, गुलाबी तुरसावा, डैफोडील्स, मस्करी और साइक्लेमेन जैसे और दूसरे खूबसूरत और वसंत फूल भी देखने को मिलेंगे। ट्यूलिप गार्डन को पहले सिराज बाग के नाम से जाना जाता था। साल 2008 में जम्मू और कश्मीर राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने इसका नाम इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन नाम रखा। कश्मीर घाटी में फूलों की खेती और टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए साल 2007 में इसे खोला गया था।


टूरिज्म डिपार्टमेन्ट के ऑफिसर के मुताबिक़, 'इस साल 68 किस्मों के 1.5 मिलियन से अधिक ट्यूलिप बल्ब लगाए गए हैं। उम्मीद हैं यह बाग देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों के पर्यटकों के लिए आकर्षण होगा और कश्मीर में लाखों के तादाद में टूरिस्ट पहुंचेंगे। इस बार इस बाग को और आकर्षित और आरामदायक बनाए के लिए यहां एक ओपन एयर कैफेटेरिया को बगीचे में स्थापित किया गया है, वह आने वाले टूरिस्टों के लिए मुख्य आकर्षण होगा।


इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन फैमिली, फ्रेंड्स या अकेले भी घूमने के लिए परफेक्ट जगह है। मार्च से लेकर अप्रैल तक का महीना यहां घूमने के लिए बेस्ट है। ट्यूलिप गार्डन में घूमने-फिरने के अलावा आप फोटोग्राफी भी कर सकते हैं। 


गार्डन में टिकट का दाम 50 रुपए रखा गया है और बच्चों के लिए 25 रुपए है। जिसकी बुकिंग ऑनलाइन भी की जा सकती है।


देशभर से आ रहे हैं पर्यटक 
यह बाग़ टूरिस्टों का आकर्षण बना हुआ है। यहां के फूलों की भीनी-भीनी महक और सुहाना मौसम यहां आने वाले लोगों के लिए किसी खूबसूरत एहसास से कम नहीं दिख रहा है। जो भी यहां आया वो यहीं का ही होकर रह गया। यहां दिल्ली, मुंबई और गुजरात समेत देश के विभिन राज्यों से आये पर्यटक इस बाग़ की ख़ूबसूरती और यहां के रंग बिरंगे फूलों को देख कर यहां की ख़ूबसूरती के दीवाने हुए हैं।
ट्यूलिप गार्डन को महज तीन से पांच सप्ताह के लिए खोला जाता है लेकिन इसकी देखरेख साल भर की जाती है। इस बगीचे को तैयार करने में साल भर काम करना पड़ता है।  मई और जून महीने में इसकी कटाई की जाती है, जिसमें तीन महीने का समय लगता है। कटाई के बाद अक्टूबर महीने में मिट्टी की खुदाई की जाती है. फिर नवंबर में ट्यूलिप के पौधे लगाए जाते हैं। जिसमें पूरे साल माली व्यस्त रहते हैं।