कश्मीर के इन अनजान लेकिन ख़ूबसूरत जगहों पर ध्यान दे रही है सरकार

Written By Last Updated: Jul 13, 2023, 04:54 PM IST

जम्मू-कश्मीर: हर साल जम्मू-कश्मीर में लाखों की तादाद में टूरिस्ट पहुंचते हैं। लेकिन बीते कुछ सालों में कश्मीर घूमने वालों की तादाद बढ़ी है। बीते साल जम्मू-कश्मीर में आने वाले टूरिस्ट की तादाद ने रिकॉर्ड तोड़ दिया। जब यहां 1.75 करोड़ टूरिस्ट आए। और इस साल के आख़िर तक दो करोड़ टूरिस्टों के आने की उम्मीद लगाई जा रही है। टूरिस्टों की इतनी ज़्यादा तादाद की वजह से दुनिया भर में मशहूर इस टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है।

जम्मू-कश्मीर आने वाले ज्यादातर टूरिस्ट श्रीनगर, गुलमर्ग और पहलगां को ही जानते हैं। लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसी बहुत सी घूमने लायक जगह हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। इसी वजह से सरकार का ज़्यादातर फोकस सिर्फ इन मशहूर जगहों के डेवलपमेंट पर ही रहता है। लेकिन अब सरकार इन अनजान लेकिन ख़ूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट्स को विकसित करने पर ध्यान दे रही है। 

जब हम डेवलपमेंट की बात करते हैं तो हमारा ध्यान सिर्फ़ कुछ गिनी-चुनी और मशहूर टूरिस्ट डेस्टिनेशन तक ही रह जाता है। लकिन अब सरकार यहां की उन सभी टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर भी ध्यान दे रही है  जहां अभी तक बिल्कुल भी काम नहीं हुआ है। सरकार ये मानती है इन जगहों को जल्द से जल्द डेवलप किया जाना बेहद ज़रूरी हो गया है। यहां पर ज़रूरी और डेवलपमेंट का बुनियादी काम करना होगा ताकि यहां आने वाले टूरिस्ट्स को किसी तरह की कोई परेशानी न हो।

हालाँकि इसको लेकर पहले भी कुछ काम किए गए हैं, लेकिन अभी और ज़्यादा संज़ीदा तथा बढ़े कदम उठाने की ज़रूरत है। इन छोटी-मोटी जगहों को नजरअंदाज करने के बजाय वहां टूरिस्ट्स के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराकर, इनकों टूरिस्टों के लिए ख़ास बनाया जाना चाहिए। सरकार को अनंतनाग की चतपाल जैसी बाक़ि बहुत टूरिस्ट डेस्टिनेशन  पर ध्यान देना होगा।

कश्मीर का मिनी पहलगाम- चतपाल

कश्मीर के मिनी पहलगाम के नाम से मशहूर चतपाल, श्रीनगर से केवल 90 कि.मी दूर है। बेहद ख़ूबसूरत और शांत चतपाल के डेवलपमेंट की जिम्मेदारी सन 2000 से कोकरनाग डेवलपमेंट अथॉरिटी (KDA) को सौंपी गई थी। उस वक़्त कुछ शेड और झोपड़ियों बनाई गईं लेकिन बाद में इस जगह को नजरअंदाज कर दिया गया।

इससे पहले भी इन ख़ूबसूरत नदियों, शानदार वादियों और बहतरीन झरनों वाले चतपाल की तरक़्की पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया गया था। यहां के बाशिंदों का कहना है कि बुनियादी ढांचे और प्रमोशन की कमी ने टूरिस्ट्स को इस ख़ूबसूरत जगह से दूर रखा है। यही हाल बाक़ि की घूमने लायक जगहों का भी है। जिनकी शनाख़त टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर तो की गई लेकिन यहां डेवलपमेंट का काम सिर्फ़ फाइलों तक सिमट कर रह गया।

नए टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर है सरकार का फोकस

सरकार अब जम्मू-कश्मीर के 50 से भी ज्यादा गांव और टूरिस्ट स्पॉट को डेवलप कर रही है। ऐसे समय में जब आला अफ़सरान कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में ज्यादा से ज्याद टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाएं जाएंगे। तब ये ज़रूरी हो जाता है कि बड़े कदम उठाए जाएं ताकि हर टूरिस्ट डेस्टिनेशन पर बराबर ध्यान दिया जा सके। जितने ज़्यादा टूरिस्ट डेस्टिनेशन होंगे, उतने ही ज़्यादा टूरिस्ट यहां पहुंचेंगे।

सरकार की प्लॉनिंग ये है कि टूरिज़्म सेक्टर को इस तरह बढ़ावा दिया जाए ताक़ि ज़्यादा से ज़्यादा लोग इससे जुड़ें, ताकि कश्मीर की इकॉनमी मज़बूत हो। कुछ रिपोर्टों की माने तो, पिछले साल से जम्मू-कश्मीर में न सिर्फ़ भारत के बल्कि विदेशी टूरिस्ट की तादाद भी में भी इज़ाफा हुआ है।

सरकार इस मौके का फाएदा उठाकर, टूरिज़्म सेक्टर पर ज़्यादा से ज़्यादा ध्यान देना चाहती है। नयी टूरिस्ट डेस्टिनेशन का बनाया जाना बेहद अहम होगा। इससे जो टूरिस्ट कश्मीर पहले घूम चुके हैं और यहां की मशहूर जगहों का दौरा कर चुके हैं। वो यहां दोबारा आना चाहें।