श्रीनगर: अगर आप श्रीनगर में हैं और बुलेवार्ड या शहर के किसी भी दूसरे इलाक़े में जॉगिंग करते हैं, तो हो सकता है कि आपको कुछ नौजवान हेडस्टैंड करते हुए, हैंडलबार पर झूलते हुए, या ख़तरनाक स्टंट करते हुए दिख जाएं।
क्या है कैलिस्थेनिक्स?
कैलीस्थेनिक्स एक तरह का वर्कआउट है, जिसमें एक्सर्साइज करने के लिए ख़ास तौर पर बॉडीवेट का यूज़ किया जाता है। वर्कआउट के लिए किसी टूल की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन कभी-कभी हल्के टूल्स जैसे रिंग और बार का यूज़ किया जा सकता है।
तो आप कश्मीर के इन टाइगर श्रॉफ और विद्युत जामवाल को देखकर हैरान न हों। क्योंकि इन नौजवानों ने जिम्नास्टिक में एक लंबा वक़्त दिया है। जोकि कैलिस्थेनिक्स के नाम से जाना जाता है। इस गेम में ये नौजवान अपनी ताकत, लचीलेपन, कॉर्डिनेशन और सहनशक्ति को बढ़ाने पर ही फोकस करते हैं।
घाटी के नौजवानों को कैलीस्थेनिक्स गेम का चस्का लगना शुरू हो गया है। जो उन्हें एक हेल्थी लाइफ-स्टाइल मेंटने करने का हौंसला देता है।
मौजूदा वक़्त में बांदीपोरा के नौजवान कैलिस्थेनिक्स एक्सपर्ट, इमरान अहमद लोन की देख रेख में जिमनास्टिक्स की इस फॉर्म की ट्रेनिंग ले रहे हैं।
इमरान अहमद ने पूणे के इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन एंड फिटनेस साइंस से कैलिस्थेनिक्स सीखा है। वो बताते हैं कि “इस समय कैलिस्थेनिक्स पूरी दुनिया में मशहूर हो रहा है। बॉलीवुड के फिटनेस फ्रीक टाइगर श्रॉफ और विद्युत जामवाल के हैरतअंगेज स्टंट देखने वाले कश्मीरी के नौजवान, अब उनके जैसा बनना चाहते हैं। दो साल पहले हमने इस कैलिस्थेनिक्स एकेडमी की शुरूआत की थी और अभी 35 नौजवान इस गेम में ट्रेनिंग ले रहे हैं”
इमरान बताते हैं कि “पार्कौर और सेल्फ-डिफेंस कैलीस्थेनिक्स के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। और ये लड़के अपनी सेल्फ-डिफेंस को मज़बूत करने के लिए, स्ट्रैंथ ट्रेनिंग और बाकि की स्किल्स हांसिल कर रहे हैं। कैलिस्थेनिक्स ने इन नौजवानों को आलसभरी लाईफ से निकलने और डिसिप्लिन के साथ जीना सिखाया है। ”
इमरान कहते हैं कि वे लड़कियों को भी इस जिमनास्टिक फॉर्म की ट्रेनिंग देंगे। उनका कहना है कि “हमारी लड़कियों कम से कम इतनी मजबूत हों कि जरूरत पड़ने पर सेल्फ डिफेंश कर सकें। अब हम अपनी एकेडमी में शामिल होने वाली लड़कियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देंगे''
यहां ट्रेनिंग ले रहे, क़ामरान खालिक़ बताते हैं कि “इमरान सर के हैरत-अंगेज़ स्टंट्स ने मुझे अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलने और कैलिस्थेनिक्स को एक्सप्लोर करने के लिए हौंसला दिया है। कैलिस्थेनिक्स ने मेरी जिंदगी को पूरी तरह से बदल दिया है। अब मैं एनर्जेटिक, कॉन्फिडेंट और फोकस्ड महसूस करता हूं।”
मौजूदा दौर में, कैलिस्थेनिक्स एथलीटों के बहुत सारे वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। और इन वीडियोज़ को हजारों बार देखा गया है और पसंद किया गया है।
इस वक़्त, कश्मीर में ऐसी कई एकेडमी चल रही हैं, जो बच्चों और नौजवानों को सैल्फ डिफेंस और कैलिस्थेनिक्स की ट्रेनिंग दे रही हैं।