नए खिलाड़ियों के टैलेन्ट को मिला प्लैटफ़ॉर्म, कश्मीर एवेंजर्स क्लब यूथ को देता है फुटबॉल की इंटरनेशनल ट्रेनिंग

जम्मू कश्मीर के युवाओं का रूझान खेलों की तरफ बढ़ाने के लिए समय समय पर कई आयोजन किए जाते है। इन आयोजनों में कश्मीर का युवा अपनी सहभागिता देने के लिए भी ज्यादा से ज्यादा आगे आता है। लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वो इस प्रदेश की स्थिती जोकि दहशतगर्दाना हमलों से हमेशा अशांत रहने के कारण काफी कुछ प्रभावित करती है।  प्रदेश में युवाओं को नशे से और आंतकवाद से बचाने के लिए खेलों का सहारा सबसे बड़ा है।  इसी कड़ी में खेलों के जरिए युथ को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जम्मू कश्मीर के युवा अरशद अहमद जरगर, वो पेशे से इंजीनियर हैं।

नए खिलाड़ियों के टैलेन्ट को मिला प्लैटफ़ॉर्म, कश्मीर एवेंजर्स क्लब यूथ को देता है फुटबॉल की इंटरनेशनल ट्रेनिंग
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श्रीनगर : जम्मू कश्मीर के युवाओं का रूझान खेलों की तरफ बढ़ाने के लिए समय समय पर कई आयोजन किए जाते है। इन आयोजनों में कश्मीर का युवा अपनी सहभागिता देने के लिए भी ज्यादा से ज्यादा आगे आता है। लेकिन जो सबसे महत्वपूर्ण बात है वो इस प्रदेश की स्थिती जोकि दहशतगर्दाना हमलों से हमेशा अशांत रहने के कारण काफी कुछ प्रभावित करती है।  प्रदेश में युवाओं को नशे से और आंतकवाद से बचाने के लिए खेलों का सहारा सबसे बड़ा है। 


इसी कड़ी में खेलों के जरिए युथ को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जम्मू कश्मीर के युवा अरशद अहमद जरगर, वो पेशे से इंजीनियर हैं, उन्होंने 12 साल के अंतराल के बाद फुटबॉल क्लब 'कश्मीर एवेंजर्स' को फिर से जिन्दा करने का काम किया है, इसका मकसद युवाओं को खेलों से जोड़कर उन्हें कश्मीर के लिए अच्छे खिलाड़ी तैयार करना है जो जम्मू कश्मीर और देश का नाम विश्व के खेलों में रोशन कर सकें। 
एक रिपोर्ट की माने तो, 30 साल के अमन ने लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए फिटनेस के साथ जीवन जीने का एक मकसद देने के लिए कश्मीर एवेंजर्स की फिर से शुरूआत की है।


अमन बताते है कि “बिना लक्ष्य के जीवन बिना गोलपोस्ट के फुटबॉल के खेल की तरह है। अगर लोगों के चेहरे पर फिटनेस के साथ जुड़ाव और मुस्कान नहीं है तो मुझे उनके जीवन में कोई मकसद नहीं दिखता। जब लोग मुस्कुराते हैं, हंसते हैं और फुटबॉल के लिए अपना समर्थन चिल्लाते हैं तो मुझे संतुष्टि होती है, मुझे लगता है कि मुझे उनकी मुस्कान और उनकी हंसी में अपना मकसद मिल गया है। उनका दावा है कि 'कश्मीर एवेंजर्स' टॉप जेके फुटबॉल क्लबों में से एक है, क्लब में 90 फीसदी से ज्यादा मकामी बाशिन्दे खेलते हैं और ये प्रीमियर डिवीजन की लिस्ट में शामिल है।


जरगर बताते है कि फुटबॉल को लेकर कश्मीर के युवाओं में अलग तरह का क्रेज है जिसे सिर्फ और सिर्फ प्लैटफार्म की जरूरत है और वो प्लैटफार्म देता है कश्मीर एवेंजर्स ।  इंटरनेशनल खिलाड़ियों को जिस तरह की ट्रेनिंग दी जाती है ठीक उसी तरह से हम भी खिलाड़ियों को गेम्स के लिए तैयार करते है।


ज़हीन नाम के एक और शख्स है जो क्लब से जुड़े हुए है और एमबीए ग्रेजुएट हैं, क्लब को फिर से चलाने के लिए और इंटरनेशनल लेवल पर फुटबॉल के लिए युवाओं को ट्रेनिंग देने के मकसद से वो अपने इस सपने को पूरा करने के लिए दूबई से नौकरी छोड़कर वापिस लौट आए ।


जहींन बताते है कि “जब वो दुबई में थे, तो एक अच्छा खासा पैकेज कमा रहे थे, लेकिन फुटबॉल से कश्मीरी युवाओं को जोड़ने के उनके जूनून ने उन्हें सोने नहीं दिया। वो वापस आये और एसपिरेंट युवाओं को खोज कर उन्हें कश्मीर एवेंजर्स क्लब से जोड़ना शुरू कर दिया।  


कश्मीर एवेंजर्स क्लब नए नए हूनर और प्रतिभाओं को मौका देने के साथ ही उन्हें कड़ी ट्रेनिंग देता है ताकि इंटरनेशनल फुटबॉल क्लब के स्टेन्डर्ड को वो मेन्टेन कर सके। 

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