Farooq Abdullah on Washington Apple: अमेरिकी सेब की इंपोर्ट ड्यूटी घटाने पर फारूक और महबूबा ने किया हंगामा, बोले- 'मेक इन इंडिया' बन गया मजाक?

Written By Last Updated: Sep 13, 2023, 07:29 PM IST

Import Duty On Washington Apple: हाल ही में केंद्र सरकार ने America से आयात होने वाले Washington Apple की इंपोर्ट ड्यूटी को 20 फीसदी तक घटा दिया है. इसपर देश में सेब के सबसे बड़े उत्पादक राज्य जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के सेब किसान लगातार अपनी नाराजगी जताते आएं हैं. किसानों की शिकायत है कि अमेरिकी सेबों की इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती (Import Duty on American Apple) से देशी सेब की डिमांड और कीमत पर बुरा असर पड़ेगा. 

वहीं National Conference के अध्यक्ष फारूख अब्दुल्ला ने वाशिंगटन एप्पल की इंपोर्ट ड्यूटी के घटाए जाने पर केंद्र सरकार से सवाल किया. तो PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती वाशिंगटन एप्पल की इंपोर्ट ड्यूटी को घटाए जाने पर केंद्र पर वार किया. उन्होंने सरकार के इस फैसले की आलोचना की. 

फारूक अब्दुल्ला ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने अमेरिकन सेब के आयात शुल्क को घटाते हुए, जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले इस फैसले के प्रभाव के बारे में एक भी बार नहीं सोचा. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार अमेरिका को खुश करने के लिए हमारे देश के सेब उत्पादकों नुकसान पहुंचा रही है.

फारूक अब्दुल्ला बोले, "मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि वह ऐसा कोई कदम न उठाए जिससे यहां पहले से मौजूद गरीबी और बढ़ जाए और हम एक और संकट में फंस जाएं. अगर उन्होंने लोगों के लिए इसे आसान नहीं बनाया तो हम सड़क पर उतरेंगे और विरोध करेंगे."

वहीं महबूबा मुफ्ती ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े किए. वे बोलीं की जब देश में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पर्याप्त और बेहतर क्वालिटी वाले सेब पैदा होते हैं तो सरकार को बाहर से सेब आयात करने की जरूरत क्यों है?

महबूबा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र सरकार का 'मेक इन इंडिया' अभियान अब केवल मजाक ही प्रतीत होता नजर आ रहा है. वाशिंगटन एप्पल पर आयात शुल्क में कटौती होने से कश्मीर में होने वाली बागवानी पर नकारात्मक असर पड़ेगा.

वहीं, CPI(M) नेता  M.Y. Tarigami ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले की आलोचना की. उनका कहा है कि ''अमेरिकी सेब पर लगने वाले आयात शुल्क में भारी कटौती कर दी गई है और इसे बाजार को सौंप दिया गया है। अब हमारे सेब उत्पादक कहां जाएंगे?''c