Jammu and Kashmir : गर्मी का मौसम आने के साथ ही रशियन चिनार के पेड़ से गिरने वाले पोलेन (Pollen allergy) से श्रीनगर के लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है.
स्थानीय लोगों के मुताबिक मई और जून के महीने में पोलेन झड़ते हैं. जिसकी वजह से बच्चों और बुजुर्गों में सांस की बीमारियां पैदा हो जाती हैं.
बता दें कि इमारती लकड़ी की बढ़ती मांग के बाद चार दशक पहले कश्मीर में रूसी चिनार के पेड़ लगाए गए थे. जिसके बाद, पुलवामा जिले के अलग-अलग इलाकों के लोग पोलेन एलर्जी के शिकार हैं.
डॉक्टर्स के अनुसार, पोलेन एलर्जी की वजह से सीने में तकलीफ, इंफेक्शन, आंखों में जलन, कान और गले के रोग भी पैदा होने की भी बात कह रहे हैं. इसके आलवा, इसका सबसे बुरा असर अस्थमा के मरीजों पर हुआ है. वे काफी ज्यादा प्रभावित हैं.
स्थानीय लोगों ने प्रशासन और संबंधित मोहकमे से मादा प्रजाति के पेड़ों को काटने की अपील की है. दूसरी तरफ डॉक्टर्स ने अस्थमा के मरीजों को मई और जून में खास एहतियात बरतने की सलाह दी है.