Jammu and Kashmir : जम्मू कश्मीर में Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act (NDPSA) के तहत दर्ज मामलों की तादाद में बीते दो दशकों के दौरान इज़ाफ़ा देखा गया है और इसी अरसे के दौरान गिरफ़्तारियों में भी दोगुना इज़ाफ़ा हुआ है.
दरअसल, होम मिनिस्ट्री की तरफ़ से राज्यसभा में शेयर किए गए डाटा के मुताबिक़, 2004 में नशे के ख़िलाफ़ 985 मुक़दमे दर्ज किए गए थे. जिसके नतीजे में 1380 आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया था. 2023 तक, यह डाटा बढ़ कर 2149 मुक़दमों और 3072 गिरफ़्तारियों तक पहुंच चुका है. जिससे खित्ते में नशे से जुड़े जरायम में भी इज़ाफ़ा हुआ है.
गौरतलब है कि यह रिपोर्ट एमपी सीवी शनमुगम, के ज़रिए उठाए गए एक सवाल के जवाब में पेश की गई. जिसके ज़रिए जम्मू कश्मीर में नशे की लत का नौजवानों में तेज़ी से फ़ैलने पर तश्वीश का इज़हार किया गया.
रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया बरसों में, इस तादाद में लगातार इज़ाफ़ा हुआ है. साल 2021 में 2,217 गिरफ़्तारियों के साथ 1,543 मुक़दमे, 2022 में 2,755 गिरफ़्तारियों के साथ 1,885 मुक़दमे, और 2023 में उरूज पर था. यह रिपोर्ट ड्रग्स के इस्तेमाल और स्मगलिंग के बढ़ते हुए फैलाव की निशानदेही करते हैं. जिससे ड्रग डी-एडिक्शन के लिए उठाए जा रहे कदमों पर सवाल खड़े होते हैं.
वहीं, लोकसभा में एमपी आग़ा सैयद रुहुल्लाह मेहदी ने भी इस रिपोर्ट पर तश्वीश का इज़हार किया था. आपको बता दें कि हुकूमत ने इस मसले से निमटने के लिए नेशनल एक्शन प्लान फॉर ड्रग डिमांड रिडक्शन के तहत कई अक़दामात किए हैं.
बता दें कि नशा मुक्त भारत अभियान जैसे प्रोग्राम जम्मू कश्मीर में 98 लाख से ज़्यादा लोगों तक पहुंच चुके हैं, जिनमें 8 लाख नौजवान और 9 लाख महिलाएं शामिल हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में, एक Integrated Rehabilitation Centre for Addicts, 5 District De-Addiction Centres और सरकारी अस्पताल में 20 Addiction Treatment Facilities में 31000 से ज़्यादा लोगों ने ड्रग की लत का इलाज हासिल किया है.
इन कोशिशों के बावजूद, मरीज़ों की ज़रूरियात को पूरा करने के लिए खित्ते में और ज़्यादा De-Addiction Centres खोले जाने की ज़रूरत है. नशे की लत के बढ़ते ग्राफ, केसेज़ और गिरफ़्तारियों की बढ़ती तादाद, जम्मू कश्मीर में नशीली दवाओं के ग़लत इस्तेमाल और तस्करी के लिए और ज़्यादा मज़बूत कार्रवाई की फ़ौरी ज़रूरत को उजागर करती है. नशे की लत और तस्करी के बढ़ने के साथ, इस इलाक़े को इस ख़तरे को रोकने में अहम चैलेंजेज़ का सामना करना पड़ रहा है...