PM Modi Kashmir visit: आर्टीकल 370 पर बख्शी स्टेडीयम में क्या बोले पीएम

Written By Shivani Thakur Last Updated: Mar 07, 2024, 09:43 PM IST

गुरुवार को कश्मीर की खूबसूरत वादीयों की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उनका मिशन कश्मीरी लोगों का दिल जीतना था और वह अपने प्रयासों में सफल हुए हैं. बता दें श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम में एक विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी  ने कहा कि वह जब भी कश्मीर आते हैं, उनका ऐम  यहां के लोगों का दिल और दिमाग जीतना है.

 स्टेडियम में आए लोगों से बात करते हुए वे बोले “आज, आपको देखने के बाद, मैं कह सकता हूं कि मैं कश्मीरी लोगों का दिल जीतने में सफल रहा हूं. लेकिन मैं यहीं नहीं रुकूंगा, मेरे प्रयास और अधिक दिलों तक जारी रहेंगे".उन्होंने आगे कहा कि "पृथ्वी के स्वर्ग जिसे कश्मीर कहा जाता है" पर उतरने के बाद की भावना को समझाना आसान नहीं है. “धरती के स्वर्ग (पृथ्वी पर स्वर्ग) पर उतरने की भावना को शब्दों में वर्णित नहीं किया जा सकता है.खूबसूरत पहाड़ और आभा दिल को छू लेने वाली है".

अपने संबोधन में आगे पीएम मोदी ने कहा कि अब जो जम्मू-कश्मीर उभरा है, वह पूरे देश में हर किसी का सपना था. उन्होंने कहा, ''सिर्फ आप ही नहीं बल्कि सभी 285 ब्लॉकों में एक लाख लोग मेरा भाषण देख रहे हैं.''आज डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का सपना पूरा हुआ है और उनके बलिदान का फल मिला है.आज, मैं देख सकता हूं कि मैं सभी चुनौतियों पर विजय पा सकता हूं. आज, भारत के 140 करोड़ नागरिक विकसित जम्मू-कश्मीर को देखकर राहत की सांस ले रहे हैं".

प्रधानमंत्री ने कहा कि कश्मीर के लोगों ने उन्हें जो प्यार दिया है, उसे लौटाने में वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. “यह मोदी की गारंटी है,” उन्होंने कहा और इसे कश्मीरी में दोहराया, “मोदी सेन्ज़ गारंटी (मोदी की गारंटी).”

इसके आगे पीएम मोदी ने कांग्रेस और जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों को अपना निशाना बनाते हुए कहा कि  आर्टीकल 370 से हमेशा इन पार्टियों को फायदा हुआ, आम लोगों को नहीं. “आर्टीकल 370 हटने के बाद लोगों के सपने पूरे हो रहे हैं और नए अवसर उनके दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं. कुछ राजनीतिक दलों ने आर्टीकल 370 का इस्तेमाल अपने राजनीतिक फायदे के लिए किया, लेकिन वह अब खत्म हो गया है.'' 

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि पहली बार पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों, वाल्मिकियों और वंचित लोगों को वोट देने  का अधिकार दिया गया. उन्होंने कहा, ''ये लोग पिछले 70 सालों से अपने अधिकारों का इंतजार कर रहे हैं.''